भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है, ये रक्षाबंधन का त्यौहार। सावन की पूर्णिमा तिथि को हर वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस साल रक्षाबंधन की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कुछ ज्योतिष का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाना शुभ रहेगा, तो वहीं कुछ का कहना है कि 12 अगस्त को मनाना उत्तम रहेगा।
ज्योतिष के जानकार भी रक्षाबंधन की तारीख को लेकर अलग-अलग सलाह दे रहे हैं। तिथि के अलावा इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का भी साया है। रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा भद्रा रहित समय में मनाया जाना चाहिए। क्या कहता है पंचांग और शास्त्रानुसार किस दिन राखी का त्योहार मनाना रहेगा उचित ?
11 अगस्त को राखी मनाना है शुभ:
11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के लगने के साथ ही भद्रा शुरू हो जाएगी, लेकिन भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा। मुहूर्त शास्त्र चिंतामणि के अनुसार जब भद्रा का वास पृथ्वीलोक पर होता है तो इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं।
लेकिन यही भद्रा जब पाताललोक में निवास करे तो इसका असर पृथ्वी वासियों के ऊपर नहीं होता है। भद्रा जिस लोक में निवास करती हैं उसका असर उसी लोक में रहता है। ऐसे में 11 अगस्त को भद्रा का निवास पृथ्वी पर नहीं है इसलिए रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जा सकता है।
भद्राकाल को क्यों माना गया अशुभ:
भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना गया है, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है कि शनिदेव की बहन का नाम भद्रा था। भद्रा का स्वभाव बहुत क्रूर था वो हर मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ में विघ्न डालती थी। इसलिए भद्राकाल में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता। इसके परिणाम भी अशुभ ही होते हैं।