बच्चे की परवरिश पर, पेरेंट्स को देना होगा खास ध्यान!
बच्चे मन के सच्चे, ये बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। उन्हें जैसा रूप देना चाहें, दे सकते हैं। उनके अच्छे भविष्य और उन्हें बेहतर इंसान बनाने के लिए
बच्चे मन के सच्चे, ये बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। उन्हें जैसा रूप देना चाहें, दे सकते हैं। उनके अच्छे भविष्य और उन्हें बेहतर इंसान बनाने के लिए
हमारे जीवन में रिश्तों का होना बहुत जरूरी है। जन्म लेते ही हम रिश्तों की डोर में बंध जाते हैं I माँ-बाप, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी, आदि जैसे अनेक रिश्तों में बंध
अपने बच्चों के साथ बिताएं समय: आज के माहौल में अपने बच्चे को सुरक्षित रखना सभी पेरेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है। बाल यौन शोषण कितनी बड़ी समस्या है, इसका अंदाज़ा
सपनों का राजकुमार / सपनों की शहजादी : अक्सर लोग अपना जीवनसाथी चुनते समय बहुत भावनाओं में बह जाते हैं। वहीं कुछ लोग होते है, जो शादी को लेकर बहुत
बहुत सी ऐसी बातें है जिसकी चाहत हर महिला को होती है लेकिन वो स्वयं इन्हें अपनी जुबां से कभी नहीं कहती। जैसे उनका प्रेमी उनके नखरे उठाएं, उनके आगे-पीछे
भाई दूज का त्योहार भाई बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। यह त्योहार दीवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक दो त्योहार मनाये जाते हैं
दिल्ली के रोहिणी इलाके में करवा चौथ के दिन एक ऐसी घटना हुई जिससे आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। एक 32 वर्षीय शख्स ने करवाचौथ का उपवास नहीं रखने के
अपना गुस्सा बच्चों पर न उतारें – तनाव मुक्त जीवन जीते हैं, अन्यथा जिसे देखिए वही problems से घिरा है, और ये problems ही तो होती है, जो मनुष्य को
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है किः- “जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नही है, पर जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है।” शिशु जन्म के साथ ही अनेक
हमारे बडे़-बूढ़ें आज भी जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं। ऐसा इसलिये नहीं कि उनके विचार पुराने हैं, ऐसा इसलिये क्योंकि जमीन पर बैठकर खाना खाने से हमारा स्वास्थ्य सही रहता