यूपीईआईडीए द्वारा बनाई जा रही, गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबी और छह लेन की नई परियोजना है। यह उत्तर प्रदेश के पश्चिम में स्थित मेरठ को पूर्व दिशा में प्रयागराज से जोड़ेगी और यह 12 जिलों- मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगी।
मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर:
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से मेरठ के बीच 594 किलोमीटर का सफर लोग जल्द ही आसानी से पूरा कर पाएंगे। इसके लिए मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। एक्सप्रेस वे के लिए जमीन खरीदने का काम लगभग पूरा हो चुका है और निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है।
इस प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करने के लिए सरकार ने 695 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्था की है। गंगा एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड परियोजना है। इसे छह लेन का गलियारा बनाने की योजना है। जिसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा।
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बुधवार को संपन्न हुई यूपीईआईडीए के निदेशक मंडल की 75वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यूपीईआईडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने क्लियरेंस दे दी है। इससे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया को और तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
एक्सप्रेसवे पर वासुसेना के विमानों की हो सकेगी आपातकालीन लैंडिंग:
इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग होगी। इसके लिए हवाई पट्टी भी बनना प्रस्तावित है। एक्सप्रेसवे के लिए आस-पास के किसानों से करीब 3300 बीघे जमीन खरीद ली गई है।
जिसे जिला प्रशासन ने यूपीडा को उपलब्ध करा दिया है। फिलहाल 300 बीघे और जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है। एक्सप्रेस वे का बजट आने के बाद जल्द ही काम शुरु होगा और जल्द ही एक्सप्रेस वे का लोग लाभ उठा सकेंगे।