संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी UNHCR की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो महीने में म्यांमार से करीब तीन लाख 30 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों का पलायन हुआ है। ये लोग बांग्लादेश के दो शिविरों में रह रहे हैं, जहां उनकी हालत बहुत खराब है।
दरअसल, इनकी बस्ती दोनों देशों के बॉर्डर पर बहने वाली नदी के किनारे बसाई गई है। बारिश के चलते अक्सर जमीन धंस जाती है और लोगों की झुग्गी ढह जाती हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए न तो खाने-पीने का इंतजाम करना भी मुश्किल हो रहा है।
इनमें बहुत सारी महिलाएं नवजात बच्चों के साथ आई हैं, जो भूखे और कमजोर हैं।
पुलिस की पोस्ट पर हमला किया था रोहिंग्या लड़ाकों ने :
- रखाइन में ताज़ा तनाव 25 अगस्त को शुरू हुआ जब रोहिंग्या लड़ाकों ने कथित तौर पर पुलिस की एक पोस्ट पर हमला किया जिसके जवाब में सैन्य कार्रवाई हुई।
- कार्रवाई का असर ये हुआ कि रोहिंग्या मुसलमानों ने देश छोड़कर बांग्लादेश का रुख करना शुरू कर दिया।
- पलायन करने वालों ने इसकी वजह सेना की कार्रवाई और रखाइन के बौद्धों का उनके गांवों पर आक्रमण बताई, जिसके डर से वे गांव छोड़ने पर मजबूर हुए।
- हालांकि, इस बारे में सेना का कहना है कि रोहिंग्या लड़ाके उन पर हमले कर रहे हैं और वो उसके खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं।
- वहीं, म्यांमार का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में पुलिस और सेना पर हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
- म्यांमार के अधिकारियों का कहना है कि रोहिंग्या मुस्लिमों ने दूसरे धर्मों के कई अनुयायियों की हत्या की और उनके घरों को जला दिया है। इसी बात से स्थानीय लोग भड़के हुए हैं।