यासीन मलिक एक कश्मीरी आतंकवादी से अलगाववादी नेता है जो कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से अलग करने का समर्थन करता है। मलिक पर आतंकवाद के मामले और कश्मीर के रावलपोरा में भारतीय वायु सेना (IAF) के चार कर्मियों की हत्या के 1990 के मामले सहित कई मामलों में मुकदमे चल रहे हैं।
2009 में यासीन मलिक पाकिस्तान की मुशहाल हुसैन के साथ वैवाहिक बंधन में बंधा। यासीन मलिक की एक बेटी है। मलिक की पत्नी लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई कर चुकी हैं।
ऐसे JKLF का बना प्रमुख:
दिल की बीमारी से पीड़ित यासीन मलिक पिछले 35 साल से भारत विरोधी आंदोलन में सक्रिय है। यासीन मलिक 1988 में दूसरे युवाओं के साथ सशस्त्र प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया और वापसी पर भारत विरोधी सशस्त्र समूह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख बन गया।
उसने 1994 में सशस्त्र संघर्ष का रास्ता छोड़ कर शांतिपूर्ण राजनीतिक संघर्ष का नारा दिया और लिबरेशन फ्रंट को एक राजनीतिक दल के रूप में पेश किया।लेकिन यासीन मलिक के मुताबिक भारत सरकार ने कश्मीरियों से शांतिपूर्ण प्रयासों को कभी नहीं सराहा।
यासीन मलिक ने गुनाह किया कबूल:
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासून मलिक ने दिल्ली कोर्ट के सामने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। 2017 में कश्मीर घाटी में हुई आतंकी घटनाओं के मामले में उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। हाल ही में कोर्ट ने यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगी धाराओं को चुनौती देने से इनकार कर दिया। अलगाववादी नेता पर यूएपीए की धारा – 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (टेरर फंडिंग) धारा -18 (आतंकी साजिश) धारा 20 (आतंकी संगठन से संबंध) और आईपीसी की धारा 120 बी और देशद्रोह (124ए) लगाई गई थी।
अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं पर भी कोर्ट ने आरोप तय किए। इस लिस्ट में फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मुशर्रत आलम, मोहम्मद युसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, नयीम खान, मोहम्मद अकबर, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भाट, जहूर अहमद शाह, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर शामिल हैं।
इस केस की चार्जशीट में लश्कर चीफ हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम है। अप्रैल में एक स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कहा था कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन महिल के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। अब 19 मई को जस्टिस प्रवीण सिंह मलिक सजा को लेकर दलीलों की सुनवाई करेंगे। यासीन मलिक को अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है।
इस अलगाववादी संगठन पर लगा दिया बैन:
कश्मीर का ये अलगाववादी नेता मकबूल भट्ट को अपना हीरो मानता है। बता दें कि मकबूल भट्ट को 1984 में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। वह JKLF का को- फाउंडर था। JKLF के मुताबिक उन्हें न पाकिस्तान में जाना और न इंडिया में। उन्हें बस आजाद कश्मीर चाहिए। भारत में JKLF का मुखिया अलगाववादी नेता यासीन मलिक है।
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केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू- कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(JKLF)पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस अलगाववादी संगठन पर बैन लगा दिया है। अधिकारियों के मुताबिक मुताबिक JKLF पर बैन आतंकवाद विरोधी कानून के तहत हुआ है। कश्मीर का ये संगठन अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व में काम करता है। बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से यासीन मलिक सहित कई अन्य अलगाववादी नेताओं पर सरकार कार्रवाई कर चुकी है।