हिंदू धर्म में हर व्रत-त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। तीज व्रत भी ऐसा ही व्रत है। तीज व्रत 2 बार रखा जाता है, पहला- हरियाली तीज और दूसरा- हरितालिका तीज।सावन महीने में शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज मनाई जाती है। वहीं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तीज को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है।
दोनों तीज व्रत माता पार्वती से जुड़े हुए हैं। मिलते-जुलते नाम के कारण, इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है और वे भी इन दोनों व्रत में अंतर नहीं कर पाते हैं।हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस साल 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखती हैं। यह दिन मां पार्वती और भगवान शिव की अराधना करने का विशेष दिन माना जाता है।
हरियाली तीज 2023 का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि:
पंचांग के अनुसार, इस साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 18 अगस्त 2023 को रात 8 बजकर 1 मिनट से होगी और समापन 19 अगस्त को रात 5 बजकर 19 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
हरियाली तीज का महत्व: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती है। इस दिन सावन मास के गीत गाने का विशेष महत्व है। महिलाएं झूला-झूलकर सावन के इस खास पर्व का उत्साह मनाती हैं।
पूजन सामग्री- पूजा करने के लिए बेलपत्र, भांग, धतुरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, नारियल, सुपारी, अक्षत या चावल, दूर्वा,धूप, दीप, घी, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत समेत सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर लें।
हरियाली तीज की पूजन विधि: हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी सुर्योदय से पहले उठ जाएं और नहाने के बाद साफ वस्त्र पहनें। अब एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें और मां पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें। पूजा के बाद हरियाली तीज की कथा जरूर सुनें और अंत में भगवान शिव और मां पार्वती समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।
हरियाली तीज पर सुहागिनें जरुर करें ये 3 काम:
- श्रृंगार में हरे रंग का इस्तेमाल – हरियाली तीज सुहाग पर्व है और सावन में आने से इसका महत्व दोगुना हो जाता है, क्योंकि में चारों सावन ओर हरियाली रहती है. हरा रंग शिव जी को भी अति प्रिय है इसलिए इस दिन स्त्रियां हरे रंग की चूड़ियां, हरी साड़ी, मेहंदी लगाएं. 16 श्रृंगार कर पूजा करें.
- व्रत-पूजा – इस दिन सुहागिनों और कुंवारी लड़कियों को सूर्योदय से पहले उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूरे विधि विधान के साथ शंकर जी और माता पार्वती की पूजा करें और फिर अगले दिन व्रत का पारण करें. ये व्रत निर्जला रखा जाता है.
- झूले का महत्व – हरियाली तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस दिन महिलाएं झूला झूलकर बड़े हर्षोउल्लास के साथ ये त्योहार मनाती हैं. साथ ही लोकगीत गाकर शंकर-पार्वती जी को प्रसन्न करने का प्रयास करती है.
ऐसे मनाई जाती है हरियाली तीज:
हरियाली तीज के दिन कुछ स्थानों पर महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और कुछ स्थानों पर महिलाए फलाहार करके यह व्रत करते हैं। इस दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन हरे रंग को खास महत्व दिया जाता है और सिर से पांव तक महिलाएं हरे रंग का श्रृंगार करती हैं। हरे रंग को बुध से जोड़कर देखा जाता है। इस दिन हरा रंग धारण करने से बुध मजबूत होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। घर में सुख समृद्धि बढ़ती है।
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