भारतीय रेल की ओर से चलती ट्रेन में आरक्षित टिकट की जांच तथा खाली उपलब्ध सीट दूसरे यात्रियों को उपलब्ध कराने के लिए अब रेलवे की ओर से टीटीई को एचएचटी मशीन दी जाएगी।
मुख्यालय की ओर से पश्चिम मध्य रेलवे को 749 हेंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराई गई है। पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि यह मशीन सीधे रेलवे के सर्वर से कनेक्ट होगा।
टीटीई को दे रहे ट्रेनिंग, जल्द शुरू होगी सुविधा:
कोटा मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय ने बताया कि कोटा रेल मंडल में यह सुविधा शीघ्र शुरू होने जा रही है। 7 कर्मचारियों को मुख्यालय जबलपुर में प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण प्राप्त ये कर्मचारी अपने अन्य साथी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। मंडल को अभी 265 एचएचटी मशीन प्राप्त हुई हैं, इनका उपयोग ड्यूटी पर तैनात टिकट जांच कर्मचारियों की ओर से किया जाएगा।
एचएचटी मशीन काम कैसे करेगी:
इस मशीन में एक सिम लगा रहेगा, जिसके जरिए आनॅलाइन टिकट चेकिंग से लेकर कैंसिलेशन तक का काम होगा। अब ट्रेनों में भी आरक्षित टिकट की जांच तथा खाली उपलब्ध सीट दूसरे यात्रियों को मुहैया कराने के लिए हैंड हेल्ड टर्मिनल उपकरण का उपयोग किया जाएगा।
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इसके उपयोग से टीटीई के कार्य में पारदर्शिता आएगी तथा ट्रेन के संचालन के दौरान खाली बर्थ का उपयोग भी रेल रिकाॅर्ड के साथ होगा। इस एचएचटी से अब टिकट निरीक्षक चार्ट के स्थान पर इसमें यात्री का विवरण देख सकेंगे, जिससे कागज की बचत के साथ ही मैन पावर की भी बचत होगी।
फर्जीवाड़े पर अब लगी रोक:
चार्ट बनने के बाद अगर कोई व्यक्ति टिकट कैंसिल करता है तो टीटीई उस सीट को आरएसी वाले या वेटिंग वाले को देता है, इसमें टीटीई अपने फायदे के हिसाब से सीट अलॉट करते हैं और अपने चहेतों को वह सीट रिजर्व कर देते हैं।
इसमें पैसे के लेनदेन का भी आरोप लगता है। लेकिन रेलवे के नए नियम के अनुसार अब ऐसा नहीं हो सकेगा इस काम में अब कोई धांधली नहीं देखी जाएगी। क्योंकि हैंड हेल्ड मशीन में यात्री की पूरी डिटेल दर्ज करनी होगी। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगने की उम्मीद है। फिलहाल यह बड़ी सुविधा कानपुर शताब्दी, श्रमशक्ति एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस और आगरा-दिल्ली इंटरसिटी में शुरू की गई है।
वेटिंग या आरएसी कंफर्म होने पर किस यात्री को खाली सीट दी गई, इस बात की जानकारी भी हैंड हेल्ड मशीन और क्रिस सर्वर के पास होगी। ट्रेन चलने के 4 घंटे पहले रिजर्वेशन का चार्ट बनता है। उसी वक्त यात्री को पता चलता है कि उसकी सीट कंफर्म है या आरएसी है या वेटिंग में रह गई। चार्ट बनने के बाद ट्रेन में खाली सीट को देने का अधिकार टीटीई के पास होता है।
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एचएचटी मशीन से खाली सीटें भी होंगी बुक:
कानपुर रिवर्स शताब्दी एक्सप्रेस के बाद शनिवार को श्रमशक्ति एक्सप्रेस के टिकट टीटीई को भी रेलवे ने हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीनें दे दी हैं। टीटीई अब इन्हीं मशीनों की मदद से खाली सीटें बुक करेेंगे। इससे पूरा ब्योरा रेलवे के पास भी पहुंच जाएगा।
पहले सीटें बेचकर पैसा अपने पास रख लेने की शिकायतें आती रहती थीं। इसके अलावा खाली सीट ऑनलाइन दिखाने के कारण करंट काउंटर से भी इन सीटों की बुकिंग की जा सकेगी।
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