साल 2022 का आखिरी ग्रहण मंगलवार 08 नवंबर को 15 दिन के अंतराल पर देखने को मिलने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण होने पर 9 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है। ग्रहण पर सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है।
08 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जाएगा। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से होगी और यह अपराह्न 4 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगी। वहीं, चंद्र ग्रहण का सुतक काल 9 घंटे पहले सुबह 5 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगा।
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भारत के कुछ हिस्सों में ही दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण जबकि ज्यादातर हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। भारत में ग्रहण की शुरूआत 08 नवंबर को चंद्रोदय होने के साथ शुरू हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहले पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण में क्या करना चाहिए:
- सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान अपने देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान मन्त्र का उचारण करें।
- ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां:
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को न तो ग्रहण देखना चाहिए और न ही ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान अगर गर्भवती महिलाएं ग्रहण देखती हैं या फिर बाहर निकलती हैं तो गर्भ में पल रहे नवजात शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है। ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पर बुरे ग्रह राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। इस कारण से बच्चे की कुंडली में इन ग्रहों से संबंधित कोई न कोई दोष हो सकता है।
- चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को नुकीली या धारदार चीजें जैसे कि चाकू, कैंची, सूई आदि का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाती है
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करें।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए।