कलाकार और कई सामाजिक मुद्दों से सरोकार रखने वाले कमल हासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में थे जहां वह छात्रों के बीच एक अनौपचारिक बातचीत में शामिल हुए। छात्रों के साथ इस बातचीत में कमल ने कई मुद्दों पर उनसे बात की और उनके मन में मौजूद शंकाओं को दूर किया।
बर्दाश्त नहीं सहिष्णुता शब्द कमल इस दौरान भारत में मौजूद धर्म और लोकतंत्र की स्थिति के साथ ही असहिष्णुता के मुद्दे पर भी बोले। कमल ने यहां पर कहा कि उन्हें ‘सहिष्णुता’ शब्द से ऐतराज है।
उनका मानना है कि इस शब्द के प्रयोग से बेहतर होगा कि देश को बांटने वाले लोगों और समुदायों को आगे-आकर एक दूसरे को स्वीकार करना पड़ेगा। एक नजर डालिए कि कमल जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुखातिब हुए तो उन्होंने क्या कहा।
- देश पहले ही अपने दो हाथ- बांग्लादेश और पाकिस्तान गंवा चुका है।
- अब सारे प्रयास एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किए जाने चाहिए।
- वह सहिष्णुता शब्द के खिलाफ हैंं। बर्दाश्त नहीं करें, एक दोस्त को स्वीकार करें।
- कमल के मुताबिक आप सबकुछ बर्दाश्त क्यों करें?
- यह एक विचार है कि या तो आप स्वीकार करें या नहीं स्वीकार करें?
- असहिष्णुता इसलिए है क्योंकि आप इसे सहन कर रहे हैं।
- मुस्लिमों या हिंदुओं को अपने सह नागरिकों की तरह स्वीकार कीजिए।
- उन्हें सहन नहीं कीजिए। यही सहिष्णुता की समस्या है।
- उन्हें स्वीकार कीजिए क्योंकि आप अपने भारतीय झंडे से हरे रंग को बाहर नहीं निकाल सकते हैं।
- भारत एक स्वेटर की तरह है जो पहले से ही हरे रंग के धागों से बुना हुआ है।
- आप इसे (हरे धागे को) हटा नहीं सकते हैं।
सोर्स वन इंडिया