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खूंखार ISIS ने बना डाली मिसाइलें, अमेरिका को रहना होगा तैयार 2

खूंखार ISIS ने बना डाली मिसाइलें, अमेरिका को रहना होगा तैयार

सीरिया और इराक के बड़े हिस्से पर हुकूमत कर रहा आईएसआईएस दिन प्रति दिन और भी मजबूत होता जा रहा है। एक तरफ तो दुनियाभर की ताकते उसे नेस्तनाबूत करने की कसम खाए लगातार उसपर हमले कर रही है, तो आईएसआईएस दिन प्रति दिन उनसे निपटने की ताकत पाता जा रहा है। उसने अब अपनी रक्षा के लिए मिसाइलें भी बना ली है

एक सीरियाई ग्रुप के मुताबिक आईएसआईएस ने अपने इंजीनियरों की टीम के बल पर बड़ा कमाल कर दिखाया है, जिसमें उसने एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल विकसित कर ली है। ये तकनीकी अभी भी दुनिया के चुनिंदा ताकतवर देशों के पास ही है, लेकिन आईएसआईएस के पास ये तकनीक होना बड़ी बात है।

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आईएसआईएस के पास इस तरह की मिसाइल होने के मतलब है इराक और सीरिया के ऊपर से उड़ान भर रहा कोई भी विमान उनकी दया पर निर्भर रहेगा। वो जब चाहें, जिस भी विमान को भेद सकते हैं। सिर्फ सवारी विमान ही नहीं, बल्कि लड़ाकू जेट विमानों को भी।

 

आईएसआईएस ऐसी ताकत पा चुका है, जिससे वो उसके ऊपर बम बसरा रहे विमानों पर ही निशाना साध सकता है और अपने पूरे इलाके को महफूज रख सकता है। आईएसआईएस के पास इस तकनीक के आने का मतलब है, अब दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों को अपने हमलावर तेरवों और रणनीतियों में बदलाव करना पड़ेगा।

 

अब अमेरिका भी एफ-16, एफ-18 जैसे फाइटर प्लेन से आईएसआईएस पर हमला करने से हिचकेगा। जो दुनिया के कई हिस्सों में तबाही मचा चुके हैं। ये वही फाइटन प्लेन है, जिसकी ताकत की बदौलत तुर्की ने रूसी फाइटर प्लेन को मार गिराया था। पर अब आईएसआईएस न सिर्फ एफ16, एफ-18 को गिरा सकता है, बल्कि उन्हें हवा में आग के गोलों में तब्दील कर सकता है।

 

आईएसआईएस के पास इस तकनीक के आने के बाद अमेरिका को अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों को मैदान में उतारना होगा। यानि पांचवी पीढ़ी के युद्धक विमानों को। जिन्हें तकनीकी भाषा में स्टील्थ विमान कहते हैं। ये स्टील्थ विमान रेडार की पकड़ में नहीं आते, और जमीन के काफी पास से बेहद तेज गति से गोता लगाते हुए लक्ष्य को तबाह कर देते हैं।

 

खास बात तो ये है कि भारत के पास अभी तक स्टील्थ तकनीकी से लैस विमान नहीं पहुंचा है। जबकी अमेरिका के पास एफ-22 रैप्टर है। वहीं, एफ-35 लाइटनिंग भी उसके आक्रमण को मजबूती दे रहे हैं। ये दोनों ही विमान स्टील्थ तकनीकी से लैस हैं।

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बहरहाल, रक्का शहर में सक्रिय इस ग्रुप के अलावा किसी ने इस जानकारी की पुष्टि नहीं की है। पर बीइंड स्लाइटली स्लाटर्ड नाम के इस ग्रुप का दावा है कि आईएसआईएस ने अपनी रक्षा के लिए रेडार कवच भी विकसित कर लिए हैं। वहीं, मिश्र ने इस खुलासे को नकार दिया है।

 

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