भारत के हर राज्य की अपनी-अपनी खास विशेषताएं है राजस्थान में शाही राजा-महाराजाओं का राज रहा है। यहाँ कई प्रसिद्ध किले और महल हैं, जिनमे अद्भुत वास्तुकला है और कला की एक विशिष्ट शैली है जो इसको विश्व के सबसे सांस्कृतिक रूप से विविध स्थानों में से एक बनाती है।
पिंक सिटी क्यों है प्रसिद्ध:
यह शहर अपनी शाही किले, महलों, प्राचीन इमारतों और दुनिया के कई आकर्षक होटलों की वजह से राज्य का प्रमुख पर्यटन शहर है। अगर आप पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर शहर में घूमने के लिए आते हैं तो यह आपके जीवन की सबसे यादगार यात्रा में से एक होगी।
जयपुर में रहना मेहमानों को एक बहुत ही शाही अनुभव करवाता है। शॉपिंग के लिए भी जयपुर एक बेहतरीन जगह है। जयपुर राजस्थान की राजधानी और प्रमुख पर्यटन स्थल है।
साल 2008 में हुए कॉनडे नास्ट ट्रैवलर रीडर्स चॉइस सर्वे में जयपुर शहर को एशिया में यात्रा करने के सबसे अच्छे स्थलों में से सातवां स्थान दिया था।
उदयपुर है रोमांटिक शहर:
उदयपुर को अक्सर भारत का सबसे रोमांटिक शहर कहा जाता है, क्योंकि यह विशाल झीलों और महलों से भरा हुआ है। ऐतिहासिक सिटी पैलेस कॉम्प्लेक्स, जो पिछोला झील के पूर्वी किनारे पर फैला है।
ऐतिहासिक दृष्टि से इस झील के बारे में कहा जाता है कि महाराणा लाखा के काल में इस झील का निर्माण एक बंजारे द्वारा करवाया गया इस झील के बीचों बीच एक नटनी का चबूतरा बना हुआ है महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने इस शहर की खोज के बाद इस झील का विस्तार कराया था।
ब्लू सिटी के नाम से है प्रसिद्ध ये शहर:
अपनी नीली रंग की इमारतों के कारण प्यार से “ब्लू सिटी” कहा जाता है, जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। शहर की चारदीवारी वाले पुराने हिस्से की अध्यक्षता मेहरानगढ़ किला द्वारा की जाती है, जो जोधपुर की नीली इमारतों में सबसे अच्छा दृष्टिकोण प्रदान करता है।
जोधपुर राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है इसके साथ ही यह राज्य सा दूसरा सबसे बड़ा शहर और दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर भी है। बता दें कि इस शहर की स्थापना 1459 में राठौड़ राजपूत शासक मारवाड़ के राव जोधा सिंह द्वारा की गई थी। जोधपुर की पूर्व राजधानी मंडोर के पतन के बाद जोधपुर को मारवाड़ की नई राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था।
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राजस्थान का सुनहरा शहर:
जैसलमेर रेगिस्तान के पास स्थित होने के कारण नवंबर से जनवरी जैसलमेर किले की यात्रा करने का सबसे आदर्श समय माना जाता है, जब आप सूरज की चमकदार किरणों और सर्दियों की ठंड का आनंद ले सकते हैं। जो आपकी यात्रा और अधिक रोमंचक बना देगी। इसलिए आप अपनी सर्दियों की छुट्टियों के लिए जैसलमेर किले की यात्रा का प्लान कर सकते हैं।
जैसलमेर राजस्थान में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपने कई पर्यटन आकर्षणों की वजह से राजस्थान में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। आपको बता दें कि यह थार रेगिस्तान में सुनहरे टीलों के कारण इसे “सुनहरा शहर” के नाम से भी जाना जाता है। जैसलमेर अपनी कई मानव निर्मित झीलों, जैन मंदिरों, हवेलियों और पत्थरों के महलों के साथ सजा हुआ है।
करणी माता का है यहाँ मंदिर:
बीकानेर आसपास के चौंकाने वाले करणी माता चूहे के मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। वहां चूहों की पूजा करने के लिए आयोजित किया जाने वाला करणी माता महोत्सव भारत के सबसे अनोखे त्योहारों में से एक है। बीकानेर में हर जनवरी में ऊंट मेला भी लगता है।
नागौरी:
नागौर किले का अपना एक अलग ऐतिहासिक महत्त्व है। इस किले का निर्माण मुगल राजा शाहजहाँ और अकबर ने क्षत्रिय शासकों के शासनकाल में करवाया था। लेकिन इसे मूल रूप से नागवंशी क्षत्रियों द्वारा बनाया गया था
यह किला पिछली शताब्दियों में कई लड़ाइयों का गवाह बना है।यह दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
हिल स्टेशन माउंट आबू:
राजस्थान का एक मात्र हिल स्टेशन होने की वजह से माउंट आबू राजस्थान में पर्यटकों द्वारा घूमी जाने वाली सबसे प्रमुख जगहों में से एक है। आपको बता दें कि माउंट आबू अरावली रेंज में एक उच्च पथरीले पठार के ऊपर स्थित है और यह घने जंगलों से घिरा हुआ है।
यहाँ की शांत जलवायु और यहां से मैदानों का दृश्य आने वाले पर्यटकों के दिलों में काफी उत्साह पैदा करता है। अगर राजस्थान में घूमने की अच्छी जगह खोज रहे हैं तो आपको एक बार माउंट आबू की सैर जरुर करना चाहिए।
चितौडगढ़:
राजस्थान की राजधानी जयपुर से तक़रीबन310 किलोमीटर की दुरी पर स्थित चितौडगढ़ राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर माना जाता है ऐसा कहा जाता है की चितौडगढ़ की नीव 7वीं शताब्दी में राजा चित्रगढ़ मौर्यद्वारा रखी गई।
महाराणा प्रताप की रानी पद्मावती के बारे में तो सुना ही होगा वह इसी चितौडगढ़ की महारानी थी जब सन् 1303 ईस्वी में अल्लाउदीन खिलजी ने चितौडगढ़ पर आक्रमण किया।
तब महारानी पद्मावती ने यही पर1600 महिलाओंके साथ जौहर किया वर्तमान में इस स्थान पर हर वर्ष मार्च महीने में जौहर मेले का आयोजित किया जाता है।
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