प्रेगनेंसी का छठा महीना प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही का आखिरी महीना है। इस दौरान आपकी प्रेगनेंसी के 20 सप्ताह पूरे हो चुके होते हैं। जैसे-जैसे गर्भ में बच्चे का विकास होता जाता है, आपका भी शारीरिक बदलाव होता है। पहले की तुलना में अब आपका बेबी बम्प अच्छे से दिखाई देने लगता है।
छठे महीने में होने वाले शारीरिक बदलाव:
पीठ दर्द:
आपके शिशु का विकास होने के साथ साथ गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है और आपका पेट आगे की तरफ निकलता है, प्रसव के लिए शरीर को तैयार करने के लिए हार्मोन, मांसपेशियों को ढीला करते हैं। जिसके कारण आपके पीठ में दर्द की समस्या सामने आती है।
पैरों, हाथों और एड़ियों में सूजन होना:
इस दौरान आपके और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के पोषक की पूर्ति करने के लिए आपके शरीर में टिश्यू के अंदर तरल पदार्थ बनने शुरू हो जाते हैं। जिसकी वजह से आपके पेल्विक क्षेत्र में ज्यादा प्रेशर पड़ता है जो आपके शरीर में और खासकर आपके पैरों, हाथों और एड़ियों में होने वाले सूजन का कारण बनता है।
प्रेगनेंसी की इस अवस्था में सूजन होना एक आम लक्षण है। अगर ज्यादा सूजन होने की स्थिति नज़र आती है तो ऐसे में आपको डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए।
अपच रहना:
छठे महीने में गैस और कब्ज की समस्या से बचने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा पानी और फाइबर से भरपूर पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसमें बार बार भूख और प्यास लगना, गर्मी लगना, हल्का फूलका कमजोरी महसूस करना आदि शामिल हैं।
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सकारात्मक रहें:
यह समय है अपने परिवार के साथ समय बिताने का। बेबी के आने से पहले कुछ और खुशी के पल घरवालों के साथ बिताने से आपको और अच्छा महसूस होगा।आप बिल्कुल भी तनाव न लें, हमेशा सकारात्मक सोच बनाएं रखें और खुशी के साथ अपने आने वाले बच्चे के स्वागत की तैयारी करें।
जॉगिंग करना:
गर्भावस्था में जॉगिंग करना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसे करते समय एक बात का ध्यान रखना है कि आप खुद को बिल्कुल भी थकाएं नहीं। धीरे-धीरे जॉगिंग करें और हमेशा अपने साथ किसी परिवार के सदस्य को रखें।
प्रेगनेंसी के छठे महीने में डाइट:
विटामिन-सी की आपूर्ति के लिए ब्रोकली, टमाटर, दूध, खजूर व मुनक्का और संतरे का सेवन करें। मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। रात में भोजन ऐसा करें, जिसे पचाने में मुश्किल न हो। इस अवस्था में कब्ज होना आम है, तो इससे निपटने के लिए फाइबर युक्त आहार का सहारा लें।
आयरन की कमी न हो, इसलिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ-साथ कुछ आयरन के सप्लीमेंट्स जरुर लें।
गर्भ में शिशु का विकास:
इस समय बच्चा बहुत सक्रिय होगा और जल्द ही बाहर की आवाजों पर प्रतिक्रिया देगा। अच्छी बोन्डिंग के लिए आप गर्भ संवाद अवश्य करें। इस महीने के अंत तक बच्चे की उंगलियां और नाखून और बाल विकसित हो जाते हैं, बच्चा अपना अंगूठा चूस सकता है।
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शिशु इस दौरान हिचकी ले सकता है।शिशु का दिमाग तेजी से विकसित होता है। इस वक्त तक शिशु के लगभग सभी अंग तैयार हो चुके होते हैं। प्रेगनेंसी के छठे महीने के अंत तक शिशु 10 से 15 इंच का होता है। प्रेगनेंसी के छठे महीने के अंत तक शिशु का वजन 500 से 700 ग्राम होता है।
छठे महीने में गर्भावस्था के दौरान स्कैन और परीक्षण:
गर्भावस्था का छठा महीना यानी दूसरी तिमाही के आखिरी महीने में सही खानपान के साथ-साथ नियमित रूप से चिकित्सीय जांच करवाना भी जरूरी होता है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि शिशु का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं। इस दौरान गर्भवती का ब्लड प्रेशर, गर्भाशय का माप व वजन जैसे सामान्य टेस्ट किए ही जाते हैं।