पिता से भी दो कदम आगे बढ़ :
आज उस पिता की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है, जिसकी जुड़वां बेटियों ने उनका सपना पूरा कर दिखाया है, बल्कि देश सेवा के लिए अपने पिता से भी दो कदम आगे बढ़ गई। हर काम एक साथ करने की लालसा ने बेटियों को जहां पिता के सपने से जोड़े रखा। दरअसल जुड़वां बहने अब भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा करेंगी।
यहाँ बात हो रही है, रमेहड़ गांव के सुरजीत सिंह डोगरा की जुड़वा बेटियों प्रियाशी और पल्लवी डोगरा की। नौ सेना में बतौर पेटी औफिसर अपनी सेवा देने वाले सुरजीत सिंह वर्तमान में पालमपुर में बिजली बोर्ड में सहायक अभियंता के तौर पर सेवाएं दे रहे है।
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परिवार में एक बेटा और दो जुड़वा बेटियां है। बेटा जहां पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी उच्च शिक्षा हासिल कर रहा है, वहीं बेटियों को लेकर सुरजीत सिंह ने ख्वाब देखा था, बेटियों को भारतीय सेना में भेजेंगें। ऐसे में सुरजीत का ख्वाब पूरा करने में दोनों बेटियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी और अब दोनों बेटियों ने कमीशन पास करके भारतीय सेना में प्रवेश कर लिया है।
जहां पल्लवी अब पड़ौसी राज्य हरियाणा के अंबाला कैंट में बतौर चिकित्सक अपनी सेवाएं देगी तो प्रियाशी नर्सिंग लैफिटनेंट के तौर पर चडीगढ़ के कमांड हॉस्पिटल में सेवा कर रहीं है।
सुरजीत सिंह बताते है कि उनकी पत्नी कुसुम ने दोनों बेटियों को लेकर जहां अपना फर्ज निभाया वहीं प्रियाशी और पल्लवी ने मुंबई में अपनी प्रारभिंक शिक्षा को प्राप्त किया। उसके बाद छठी कक्षा से लेकर बारहवीं तक होल्टा पालमपुर के केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की।
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दोनों जुड़वा बेटियों ने मेडिकल की पढ़ाई करने के साथ गणित विषय भी पढ़ा और 94 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं कक्षा को पास किया। उसके बाद पल्लवी जहां एमबीबीएस में चयन हो गया वहीं प्रियाशी ने भारतीय सेना में शामिल होकर नर्सिंग की शिक्षा प्राप्त की।
अब दोनों बेटियां भारतीय सेना में शामिल हो गई है और उनका ख्वाब बेटियों ने पूरा कर दिया है। सनद रहे कि एयर फ़ोर्स के कमांड हॉस्पिटल बैंगलोर में चार साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रियाशी ने लेफिटनेंट के पद पर कमीशन हासिल किया था। उधर पल्ल्वी ने आर्मी मेडिकल कॉर्प की परीक्षा में 14वा रैंक हासिल कर लैफिटनेंट का पद हासिल किया।