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प्रदूषण: आखिरकार दिल्ली क्यूँ बेबस है, इन जहरीली हवाओं में सांस लेने को 2

प्रदूषण: आखिरकार दिल्ली क्यूँ बेबस है, इन जहरीली हवाओं में सांस लेने को

जहरीली हवाओं में सांस:

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सभी हदों को पार करता दिखाई दे रहा है।आखिरकार दिल्ली क्यूँ बेबस है,इन जहरीली हवाओं में सांस लेने को। धुंध ने दिल्ली के लोगों के नाक में दम कर दिया है। प्रदूषण से पैदा हुई धुंध की चादर ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है।

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दिल्ली तो यों चुप है जैसे उसने मान लिया हो कि यही उसकी नियति है और यह चुप्पी इस तकलीफदेह आरोप को सच साबित करती है कि दिल्ली अपने अधिकारों के लिए उठ खड़ा नहीं हो सकती।

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कभी इस दिल्ली के बारे में कहा जाता था कि यह दिल वालों की है लेकिन आज हालात एकदम ही उलट गए हैं।ऐसा लगता है दिल्ली में अब तो वो दम और दिल बाकी ही नहीं कि खुद अपने वजूद के लिए लड़े।

दिल्ली के लोगों ने मान लिया है कि धूल-धुएं और धुंध से भरा कोहरा ही अब उनकी नियति है, यह कोहरा उनकी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन चला है और चूंकि इससे निजात मुमकिन नहीं सो बस एक ही रास्ता बचता है कि इसे बर्दाश्त किए जाओ।

क्या ख़त्म हो चुका है दिल्लीवालों का जज्बा

लोगों को सड़कों पर निकलकर मांग करना चाहिए था कि उत्तर-भारत के सूबों में पराली जलाना बंद हो, प्रांतीय सरकारें साथ मिल-बैठकर समस्या के स्थायी समाधान के लिए साँझा प्रयास करें।शहर को बंद रखने, स्कूलों, दफ्तरों और बाकी सार्वजनिक जगहों पर ताला जड़ने की मांग करने का यह सही वक्त साबित होता।

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लेकिन तब भी दिल्ली में जिंदगी जारी है। अपनी नाक और मुंह पर चढ़ी मास्क से सांस लेने को मजबूर हैं। दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों की एयर क्यालिटी इंडेक्स की बात की जाए तो दिल्ली मंदिर मार्ग में ये 515,पजांबी बाग में 802,आनंद विहार में 571 और द्वारका में 420 है, इन सभी जगहों पर प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ से ऊपर है।

दिवाली के बाद से प्रदूषण बढ़ा:

दिवाली के बाद से दिल्ली के प्रदूषण स्तर में भारी बढ़ोत्तरी हुई।इसके अलावा ग्रीन पैनल ने ये भी सिफारिश की है कि ऑफ पीक ऑवर में मेट्रो का किराया कम किया जाए और सड़कों पर कारों की संख्या में कमी लाने के लिए ऑड-ईवेन की योजना वापस लाई जाए।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज की है जिससे ये साफ होता है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है।

इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी इसे दिल्ली में पर्यावरण से जुड़ा आपातकाल कहा है।एनजीटी ने हवा की खराब गुणवत्ता के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की सरकार को फटकार लगाई है।

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