रविवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक के हेडक्वार्टर पर मौजूद थे। यहां पर फाउंडर मार्क जुकेरबर्ग के साथ वह टॉउन हॉल में मौजूद लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे। सवाल जवाब का दौर शुरू होने से पहले मार्क ने यहां पर अपनी जिंदगी के से जुड़े एक रोचक किस्से के बारे में बताया।
यह किस्सा भारत से जुड़ा था और इस वजह से मार्क ने कहा कि उनके लिए भारत एक अहम जगह है। यह उन दिनों की बात है जब आज बिलियन डॉलर वाली कंपनी फेसबुक बर्बादी की कगार पर खड़ी थी।
जॉब्स से मिले थे मार्क-
मार्क ने अपनी बात को शुरू करने से पहले कहा कि वह भारत को ज्ञान की स्थली मानते हैं। मार्क की कंपनी फेसबुक आज से 10 वर्ष पहले मुश्किलों के दौर से गुजर रही थी। नौबत यहां तक आ गई थी कि मार्क इसे बेचने की तैयारी तक करने लगे थे।
उस समय मार्क की उम्र महज 21 साल थी और तब उन्होंने अपने आदर्श और अपने ‘गुरु’ स्टीव जॉब्स से इस बाबत सलाह लेनी चाहिए। जॉब्स ने मार्क को कहा कि वह भारत जाएं और यहां पर मंदिर का दौरा करें, उनके दर्शन करें।
एक माह तक भारत में रहे थे मार्क-
जॉब्स की सलाह पर मार्क भारत आए और करीब एक महीने तक वह भारत में रहे । जॉब्स ने बताया कि भारत में एक माह तक रहने के बाद उनमें यह जोश पैदा हो सका कि वह फेसबुक को अरबों डॉलर की कंपनी में बदल सकते हैं। जॉब्स ने रविवार को कहा कि भारत के लोग बहुत ही आशावादी हैं।
जब आप मंदिर पहुंचते हैं तो आप इस बात को महसूस कर सकते हैं कि कैसे लोग उम्मीद के लिए मंदिर आते हैां। मार्क के मुताबिक लोग मंदिर जाते हैं एक उम्मीद के लिए और उनकी उम्मीदें उन्हें कहां से कहां पहुंचा देती है। मार्क मानते हैं कि भारत में कुछ तो खास है।