पेरैंट्स के लिए बनी मजबूरी:
बच्चों को घर पर अकेला छोड़ना 21वीं सदी की एक आवश्यकता और पेरैंट्स के लिए एक मजबूरी बन गई या कई बार ऐसी दिक्कत आती है कि माता-पिता को मजबूरी में या कहीं आपातकाल में बच्चों को घर में अकेला छोड़ना भी पड़ता है।
फिर चाहे वो घर के काम से बाहर जाना हो या कभी डाॅक्टर या किसी इमरजेंसी में जाना हो।इसके लिए वह खुद की तसल्ली भी कर लेना चाहते हैं कि कुछ समय के लिए उन्हें अकेला छोड़ा जा सकता है या नही।
लेकिन ऐसे वक्त में भी आपको बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत होती है।वैसे तो आजकल के बच्चे बहुत समझदार हैं। उनको कोई भी बात आसानी से समझ में आती है। बच्चों को अकेला छोड़ने के लिए जरूरी है कि उसके लिए कुछ खास तैयारी कर लें।
मोबाइल होना बहुत जरूरी:
जब बच्चे घर पर अकेले हो तो उनके पास मोबाइल होना बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में अगर बच्चों को कोई समस्या है या फिर आपको बच्चों से कोई बातचीत करनी है तो आप बहुत आसानी से कर सकते हैं। साथ ही आपको इस बात की जानकारी भी मिलती रहेगी कि वो क्या कर रहे हैं।
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बच्चे को भी बताएं कि किसी भी परेशानी में वो आपको तुरंत काॅल करे। बच्चों को फोन कर के उन की खैरियत पूछते रहें। उन्होंने लंच किया या नहीं, स्कूल में उन का दिन कैसा बीता, स्कूल या पढ़ाई से संबंधित उन की समस्याओं की जानकारी लें और उन का समाधान सुझाएं। आप का ऐसा करना आप को बच्चों से जोड़े रखेगा।
कमरे में न करें बंद:
कई बार पेरेंट्स बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से उन्हें कमरे में बंद कर देते हैं, ताकि बच्चे घर से बाहर ना जाए और कोई उनके बच्चों के साथ गलत हरकत ना कर दें। जबकि ये बहुत गलत है। बच्चों को कभी भी एक कमरे में बंद न करें।
किसी तरह की अनहोनी होने पर उनका बाहर निकलना मुश्किल हो सकता है।दरवाजे की कुंडी खोलना और बंद करना बच्चों को जरूर आना चाहिए।बच्चे को पहले से ही प्रेक्टिस कराएं। उनको बताएं कि दरवाजा किसी अजनबी के बुलाने पर न खोलें। इसके अलावा दरवाजे की घंटी कोई बजाए तो विंडो या डोर आई से देखें कौन है। कोई रिश्तेदार या पड़ोसी है तो तुरंत पेरेंटस को सूचना दें।
इन बातों पर दें खास ध्यान:
बच्चों को इस बात की भी जानकारी दें कि घर-परिवार के बारे में कौन सी बातें और कितनी बातें किस को बतानी हैं। यही नहीं, उन्हें बड़ों की गैरमौजूदगी में गैस जलाने या किसी धारदार चीज से काम करने की अनुमति न दें।
आप की अनुमति के बिना किसी पड़ोस के घर में अकेले न जाने का निर्देश दें। लेकिन साथ ही इमरजैंसी की स्थिति में किसी पड़ोसी के बारे में जरूर बताएं ताकि इमरजैंसी की स्थिति में आप के घर पहुंचने तक वह उन के संपर्क में रहे।
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घर में अलकोहल या अन्य किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ न रखें। दवाएं जो उनको नुकसान पहुंचा सकती हैं, गन या कोई और हथियार को हटा दें। कार या बाइक की चाबी छिपा कर रखें।
फोन का तुरंत जवाब दें।बाहर अगर जाना है तो भाई -बहन के साथ जाएं। किसी को ये न बताएं कि वो घर में अकेले हैं या पेरेंटस बाहर गए हैं।इसके अलावा जरूरी मोबाइल नंबर भी कहीं दिखने वाली जगर पर रखें। इस बारे में बच्चे को बता भी दें। खास करके घर में डाॅक्टर, पुलिस और फायर डिपार्टमेंट का नंबर बता कर रखें।
गेम या होमवर्क दे कर जाएं:
अगर आपने घर से बाहर जाते वक्त बच्चों को शैतानी करने की मनाही की है तो बच्चों को कोई गेम या होमवर्क दे कर जाएं। ताकि वह काम में व्यस्त रहें और आप घर से बाहर ज्यादा समय न बिताएं। कोशिश करें आप घर जल्दी आ जाएं और घर से ज्यादा दूर न जाएं।
इसके अलावा आप भी उनका ध्यान रखें ताकि उनको कोई नुकसान न हो। जैसे कि जरूरी सामान को बता कर जाएं। क्या कहां है ताकि उनको आसानी से मिल सके। टेबल पर कुछ खाने पीने की चीजें जरूर रखें। खेल-कूद के कारण बच्चों को जल्दी भूख लग जाती है।