दिल्ली सरकार और LG के बीच अब एक और मसले पर खींचतान शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं। दिल्ली सरकार ने बजट में कृषि भूमि के लिए सर्कल रेट बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाया है। इसी पर नया विवाद खड़ा हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के एक असिस्टेंट लीगल एडवाइजर का महज इस वजह से ट्रांसफर कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने सरकार को सलाह दी थी कि सर्कल रेट का मामला पहले LG को रेफर किया जाना चाहिए और उनसे इजाजत मिलने के बाद ही नोटिफिकेशन जारी किया जाना चाहिए।
साथ ही, लॉ डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को भी निर्देश दिया गया है कि जरूरी फाइलों के मामले में दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए विशेष निर्देशों का गंभीरता से पालन किया जाए। सोमवार को BJP के तीनों विधायक इस मसले को लेकर LG से मुलाकात भी करने वाले हैं।
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता का दावा है कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से जानबूझकर टकराव के लिए दिल्ली सरकार ने अब अफसरों को परेशान करना शुरू कर दिया है। उसी के तहत CM के निर्देश पर अफसरों को सर्कल रेट बढ़ाने और LG से पूछे बिना नोटिफिकेशन जारी करने को कहा गया था, लेकिन जब लॉ डिपार्टमेंट के एक अफसर ने इसे कानूनी रूप से गलत बताया, तो उन्हें हटा दिया गया।
साथ ही, सरकार ने लॉ डिपार्टमेंट में विधि सलाहकार की पोस्ट ही खत्म कर दी। गुप्ता ने कहा कि BJP आरटीआई से पूरी जानकारी हासिल कर सरकार का यह सच जनता के सामने लेकर आएगी। गुप्ता का दावा है कि कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने लॉ डिपार्टमेंट के अफसरों से कहा कि अगर किसी ने सरकार के निर्देशों को नहीं माना, उसकी नौकरी चली जाएगी। तभी से अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है और सारे काम रुके पड़े हैं।
सूत्रों के मुताबिक,नए सर्कल रेट को नोटिफाई करने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट की तैयार की गई फाइल पर चीफ सेक्रेटरी ने राय दी थी कि इस मामले में LG से अप्रूवल लिया जाना चाहिए। मगर सरकार ने यह मैटर लॉ डिपार्टमेंट को रेफर कर दिया, लेकिन जब लॉ डिपार्टमेंट ने भी नोटिफिकेशन जारी करने से पहले LG से अप्रूवल लेने की बात कही, तो लॉ डिपार्टमेंट के असिस्टेंट लीगल एडवाइजर का ट्रांसफर ही कर दिया गया।
दिल्ली सरकार ने अफसरों को पहले ही यह हिदायत दी है कि हर मामले में फाइल LG के पास भेजने की जरूरत नहीं है।