मौसमी परिवर्तन से संक्रमण होना एक आम समस्या है। वातावरण में बढ़ते संक्रमण को वायरल फीवर कहा जाता है। सामान्य शरीर के तापमान में वृद्धि सबसे आम लक्षण है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
वायरस के कारण शरीर का तापमान बढ़ना, बहती नाक, खांसी, थकावट और शरीर में दर्द कुछ ऐसे लक्षण हैं जो संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति में देखे जा सकते हैं।
संक्रमित बच्चों से दूर रखें:
अगर किसी दूसरे बच्चे को सर्दी-खांसी या फिर बुखार है तो अपने बच्चे को उससे दूर रखें। अगर आपके बच्चे को ये परेशानी है तो बच्चे को मास्क पहनाएं और कोशिश करें उसे घर में ही रखें, जब तक बच्चा ठीक न हो जाए। स्कूल तो बिल्कुल भी न भेजें ऐसे में जंक food बिल्कुल भी न खाने दें।
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इम्यूनिटी बढ़ाएं:
सबसे पहले आपको बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर देना है। संतरे और अन्य खट्टे फल जैसे अंगूर, कीनू, नींबू विटामिन सी से भरे होते हैं। वे सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाते हैं जो आपको वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। खाने में फल, सब्जियां, दूध, दही और पनीर शामिल करें।
फ्रिज का कुछ भी न दें:
बच्चों को ठंडी चीजें बिल्कुल न दें। रात में हल्का गर्म और हल्दी वाला दूध पिलाएं। अदरक और शहद चटाते रहें। खाना ताजा ही बनाकर दें। फ्रिज का पानी, ठंडा जूस, ठंडे फल से परहेज करें।
बच्चों को भरपूर नींद लेने दें:
हमेशा पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति हमेशा तरो-ताजा महसूस करता और उसके चेहरे पर नेचुरल मुस्कान बनी रहती है। अच्छी नींद से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा होता है। बच्चे को भरपूर नींद लेने दें।
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अगर स्कूल जाने वाले बच्चा है तो दोपहर में एक नींद उसे जरूर दिलाएं। अच्छी नींद इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है और बॉडी हील होती है।अच्छी नींद होने से आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है।
बाहर के खाने से दूरी बनाएं:
बच्चा अगर बाहर का खाना खाने की जिद्द करे तो उसे घर में ही बना कर दे दें। बाहर का खाना खाने से बच्चे को वायरल फीवर होने की संभावना बढ़ जाती है। बाहर के तले भूने खाने में कीटाणु तेजी से पनपते हैं, और ये कीटाणु आपके बच्चे के संक्रमित कर सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति छींकने, सांस लेने और सतहों को छूने से वायरल संक्रमण फैला सकता है। संक्रामक रोगों के संपर्क में आने को सीमित करके, आप बुखार से बचने में सक्षम हो सकते हैं।
कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप संक्रमण से बच सकते हैं :
खाना खाने से पहले अच्छे से हाथों को रगड़ कर साबुन से धोएं।
अपने बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोना की आदत डालें। संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना न खाएं।
छींकते और खांसते समय रुमाल का इस्तमाल करें, अपनी नाक और मुंह को सीधे छूने से बचें।