आरोपी स्टूडेंट ने पिता के सामने गुनाह कबूला :
रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रद्युम्न ठाकुर मर्डर केस में ठीक 2 महीने बाद गिरफ्तार हुए आरोपी स्टूडेंट ने पिता के सामने गुनाह कबूल कर लिया। सीबीआई ने यह बात 11वीं क्लास के आरोपी स्टूडेंट की रिमांड के लिए जुवेनाइल कोर्ट में सौंपी कॉपी में कही। नोट के मुताबिक, ”मर्डर में किसी और के शामिल होने की जांच के लिए आरोपी की रिमांड जरूरी है।
स्टूडेंट ने पिता और सीबीआई के वेलफेयर अफसर (इंडिपेंडेंट विटनिस) के सामने वारदात में शामिल होने की बात मानी है।” गुरुवार को सीबीआई टीम आरोपी को लेकर क्राइम सीन पर पहुंची और टीचर-स्टूडेंट्स से पूछताछ की।
इसके पहले सीबीआई ने बताया कि परीक्षा और पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) टालने के लिए 11वीं के स्टूडेंट ने हत्या की।प्रद्युम्न का मर्डर 8 सितंबर को हुआ था। हरियाणा पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को मर्डर केस का मुख्य आरोपी बनाया था।
रेयान स्कूल के टीचर्स, स्टूडेंट्स और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ :
सीबीआई सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया, ”हमारी टीम आरोपी को स्कूल में क्राइम सीन पर लेकर गई। अभी तक मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज नहीं कराया। सिर्फ एक चाकू जांच का हिस्सा है। एक चाकू गुड़गांव पुलिस ने भी बरामद किया है। इसके अलावा रेयान स्कूल के टीचर्स, स्टूडेंट्स और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ की गई।”
सीबीआई के स्पोक्सपर्सन अभिषेक दयाल ने कहा, ”साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर आरोपी स्टूडेंट को मंगलवार रात 11.20 पर हिरासत में लिया। परीक्षा और पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) टालने के लिए 11वीं के स्टूडेंट ने हत्या की।”
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”आरोपी की उम्र 16 साल से कुछ ज्यादा है। उसे गिरफ्तार कर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने 6 दिन की रिमांड मांगी पर कोर्ट ने इसे 3 दिन कर दिया।”
रेयान स्कूल में मर्डर कब हुआ था?
गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था।
अशोक ने मीडिया को बताया, ”मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।”
जब उससे पूछा गया कि उसने क्या पहले भी किसी बच्चे को सेक्शुअली एब्यूज किया है, तो आरोपी ने कहा- ”नहीं। ये पहली बार था। मैं घबरा गया था। पता नहीं कैसे हो गया। मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं गलत काम करना चाहता था। लेकिन किया नहीं।”
चाकू के बारे में पूछे जाने पर अशोक ने कहा, ”वो सब्जी काटने वाला चाकू था। वो गंदा हो गया था। उसे साफ करने के लिए मैं टॉयलेट तक ले आया था। उसी से बच्चे का गला रेता।”
हालांकि, जब कोर्ट में अशोक की पेशी हुई तो वह मर्डर की बात से मुकर गया था।
हरियाणा DGP पुलिस पर कोई दबाव नहीं था:
जांच एजेंसी ने उस थ्योरी को नकारा नहीं है, जिसमें हरियाणा पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाया था। जांच एजेंसी ने फिलहाल कंडक्टर को क्लीन चिट नहीं दी है। वह 61 दिन से जेल में है।
हरियाणा पुलिस की थ्योरी पलटने पर जब डीजीपी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”फिलहाल, जांच चल रही है और ये सब चलता रहता है। पुलिस पर कोई दबाव नहीं था।”
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश 15 सितंबर को की थी। इससे पहले हरियाणा पुलिस जांच कर रही थी।