शिवसेना ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर को भारतरत्न देने की मांग की है। अपनी मांग को लेकर पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा है।
अपने खत में राउत ने कहा है कि सावरकर हिन्दू राष्ट्र समर्थक थे, जिसका बदला पुरानी सरकारों ने लिया। इस गलती को मौजूदा सरकार को सुधारना चाहिए। खास बात है कि, सावरकर को भारतरत्न देने का समारोह अंडमान स्थित सेल्युलर जेल में संपन्न करने का आग्रह भी इस पत्र में किया गया है।
28 मई 1883 को पैदा हुए विनायक दामोदर सावरकर का भारत की स्वाधीनता की लड़ाई में अहम योगदान है। सावरकर सशस्त्र क्रान्ति के पुरस्कर्ता थे। उन्हें अंग्रेजों ने दो बार आजीवन कारावास की सजा भुगतने के लिए अंडमान के सेल्युलर जेल में रखा था।
इसी को याद करने के लिए सेल्युलर जेल में सावरकर के गीतों की पंक्तियां अंकित की गई थीं। उन्हें कांग्रेस के शासनकाल में निकाल देने की वजह से विवाद पैदा हुआ था। हाल ही में यह पंक्तियां दोबारा सेल्युलर जेल में अंकित की गईं।
हालांकि, सावरकर जिस हिन्दू महासभा के नेता थे उस संगठन की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कभी बनी नहीं। इस वजह से शिवसेना की मांग को लेकर राजनीतिक गलियारे में भवें तन गई हैं।