महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एस.एम. मुशरिफ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देश का नंबर 1 आतंकी संगठन बताया है। उनका दावा है कि इस संगठन के लोगों को आतंकवाद से जुड़े कम से कम 13 मामलों में आरोपी बनाया गया है, अगर बजरंग दल को भी इसमें शामिल कर लें तो ये संख्या 17 हो जाएगी।
यहां अपनी किताब ‘हू किल्ड कररके’ के बांग्ला संस्करण के लॉन्च के मौके पर उन्होंने कहा कि एक आतंकी संगठन के रूप में आरएसएस का सत्ता में शामिल पार्टियों से कोई लेना-देना नहीं रहा है। यह एक व्यवस्था के तहत काम रहा है। यह ब्राह्मणवादी व्यवस्था है।
पूर्व पुलिस प्रमुख ने यह दावा भी किया कि हेमंत करकरे की हत्या में खुफिया ब्यूरो (आईबी) का हाथ है। करकरे आतंकी गतिविधियों में हिंदू कट्टरवादी संगठनों की भूमिका की जांच कर रहे थे। वह मुंबई पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के मुखिया थे। मुशरिफ ने कहा कि आईबी का हाथ होने (करकरे की हत्या में) के पुख्ता सबूत थे, पर इसे साबित करने की सारी कोशिशें नाकाम की गईं। स्वतंत्र जांच की हमारी मांग हमेशा नकार दी गई। जब तक इसके लिए बड़े पैमाने पर जन आंदोलन नहीं चलाया जाएगा, तब तक इसे साबित नहीं किया जा सकेगा।
वहीं असहिष्णुता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई घटनाएं हुईं हैं, लेकिन असहिष्णुता का मुद्दा अब क्यों प्रमुख बना है।