हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित देवदार के घने जंगलों के बीच में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। दुनिया के 160 ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ में से एक खज्जियार भी है। खज्जियार अपनी खूबसूरती और मनमोहक वातावरण के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
अगर आपको भी विदेश घूमने का मजा लेना है तो आप हिमाचल प्रदेश में मौजूद खज्जियार का ट्रिप प्लान कर सकते हैं। यहां की खूबसूरती को देखते हुए ही इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ का नाम दिया गया है।
इसके चारों तरफ घिरे देवदार के पेड़ों की झील के नीले पानी में बहुत ही सुंदर परछाइयां दिखती हैं। यहां की सबसे आकर्षक चीज तैरता हुआ टापू है जो असल में झील की सतह पर उगने वाले घासों का गुच्छा है जिसे देखना काफी अच्छा लगता है। खजियार झील हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में समुद्र तल से 1,920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
मिनी स्विट्जरलैंड यानी खज्जियार दिल्ली से केवल 508 किलोमीटर की दूरी पर है। कहा जाता है कि स्विज के राजदूत जब यहां आए थे तो उन्हें यहां कि खूबसूरत काफी पसंद आई थी और वे आकर्षक हो गए थे तभी से उन्होंने 7 जुलाई 1982 में इस जगह यानि हिमाचल प्रदेश को स्विट्ज़रलैंड घोषित कर दिया था तब से ये जगह मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जानी जाती है।
हिमालय पर्वतमाला के धौलाधर पर्वत श्रृंखला में स्थित खज्जियार एक पठारी क्षेत्र है। खज्जियार झील घास के मैदानों के बीच स्थित होने के कारण यह जगह काफी सिमिलर स्विजरलैंड के मैदानी क्षेत्र के जैसा देखने में लगता है यही कारण है, कि इसकी खूबसूरती को देखते हुए इसे मिनी स्विट्जरलैंड की उपाधि दे दी गई है।
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इस झील के पास अधिकतर घूमने लोग सुबह ही जाते है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से सूर्योदय का दृश्य काफी मनमोहक एवं आकर्षक दिखता है। चीड़ और देवदार के पेड़ों से गुजर कर आती हुई सूरज की रोशनी यहां पर घूमने आए लोगों को एक अलग ही प्रकार के सुखद अहसास दिलाती है।
खज्जी नाग मंदिर:
खज्जियार लोकप्रिय खज्जी नाग मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जिसे नाग देव को समर्पित किया गया है, जहां से माना जाता है कि यह नाम व्युत्पन्न हुआ है। यह मंदिर 10 वीं शताब्दी पूर्व का है, छत और लकड़ी के खूटी पर अलग-अलग पैटर्न और छवियां बनी है।
मंदिर में एक विशाल मंडल हॉल है जो पर्याप्त रूप से लकड़ी के समर्थन से ढका है। गुंबद के आकार का मंदिर स्थानीय रूप से चूना पत्थर खदानों से निकाले जाने वाले स्लेट से बना है।
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फन एक्टिविटीज:
इसके अलावा मनोरंजन गतिविधियों की बात करें तो पैराग्लाइडिंग से लेकर घुड़सवारी तक कई तरह की ऐक्टिविटीज का आनंद उठा सकते हैं। खजियार झील के किनारे पहाड़ी शैली में एक नाग देवता का मंदिर बना है।खज्जियार में ठहरने के लिए डाक बंगले व रेस्ट हाउस भी हैं और यहां पर कोई भी ठहर सकता है।
कैसे पहुंचे खज्जियार:
खज्जियार चंबा या डलहौजी से महज आंधे घंटे की दूरी पर है।खज्जियार तक पहुंचने के लिए आप शिमला तक रेल और हवाई मार्ग से भी जा सकते हैं। इसके बाद आगे के लिए आपको बस या टैक्सी लेनी होगी।
हवाई मार्ग द्वारा
निकटतम हवाई अड्डा पठानकोट में है जो की खज्जियार से 99 किलोमीटर दूर है। अन्य पहुंचने योग्य हवाई अड्डो में कांगड़ा (130 किमी), अमृतसर (220 किलोमीटर) और चंडीगढ़ (400 किमी) है।
निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो की खज्जियार से 94 किलोमीटर दूर है। नई दिल्ली से पठानकोट के लिए नियमित ट्रेनें उपलब्ध हैं।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस सेवाएं पुरे प्रदेश में मुख्य बस अड्डो शिमला,सोलन, काँगड़ा,धर्मशाला और पठानकोट एवं आसपास के राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ से चलती हैं| निजी बसे, अन्य सभी जगह पर आने जाने के लिए नित्य आरामदायक सेवाएं मुहैया कराती हैं|
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