सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी के लिए
जरूरी नहीं कि केवल आम लोग ही अजीबों-गरीब बहाने बनाएं। सरकार और उच्च पदों पर पदस्थ लोग भी अपने बचाव के लिए इस तरह के बहाने बना सकते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी के लिए जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश हुए दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल (आरजी) से जब बेंच ने जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि मैं बुहत नर्वस हूं माय लॉर्ड।
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आरजी को जस्टिस गोगोई की बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित मामलों और उनकी सुनवाई में हो रही देरी का कारण जानने के लिए बुलाया था। लेकिन जब इस बारे में सवाल किया गया तो वो पन्ने पलटने लगे और जवाब नहीं दे पाए। आरजी यह भी बताने में असमर्थ रहे कि हाईकोर्ट में 10 साल से पुराने कितने मामले लंबित हैं।
इस बात से नाराज पीठ ने कहा कि हम एक हाईकोर्ट के आरजी से ये उम्मीद रखते हैं कि वो तैयारी के साथ सुप्रीम कोर्ट आएगा। आप यहां क्यों आए हैं? जज ने ये भी पूछा कि क्या आपको पता है कि यह केस किस बारे में है?
हाईकोर्ट के आरजी से ये उम्मीद की जा सकती है कि उसके पास बेसिक जानकारी हो
हालांकि, इसके बाद भी आरजी जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने जो कुछ कहा वह कोर्ट के समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड के उलट था। इसके बाद जस्टिस गोगोई ने उनसे पूछा क्या आपको यह भी नहीं मालूम है कि सन 1994 के पुराने मामले अब तक लंबित क्यों हैं? हम इतना तो उम्मीद कर ही सकते हैं कि आपके पास इतनी बेसिक जानकारी होनी चाहिए।
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जस्टिस गोगोई के बेंच के सामने उन्होंने अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा कि जज साहब मैं बहुत नर्वस हूं, मुझे थोड़ा टाइम दे दीजिए। आरजी द्वारा गलती स्वीकार करने पर बेंच उन्हें समय देने को तैयार हो गई। जस्टिस गोगोई ने कहा कि दिन की आखिरी सुनवाई उनके केस की होगी तब तक वह अपनी तैयारी कर सकते हैं और अपनी घबराहट को दूर कर सकते हैं।
कोर्ट से बाहर आकर आरजी ने राहत की सांस ली। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस के अधिकारियों को फोन किया और जरूरी दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने पेश करने को कहा।
साभार : फर्स्ट पोस्ट