आईज फ्लू एक आँखों का संक्रमण है जो मौसम के परिवर्तन के साथ फैलता है। इसके लक्षण में आंखों की लालिमा, खुजली, आंखों से पानी बहना और आंखों के पास सूजन शामिल हो सकती है। इस संक्रमण का इलाज चिकित्सक द्वारा किया जाता है और इसके लिए आंखों को स्वच्छ और सुरक्षित रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
आईज फ्लू का कारण आमतौर पर वायरस इन्फेक्शन होता है, जिसे बैक्टीरिया, वायरस या अन्य कीटाणुओं के संपर्क में आने से हो सकता है। यह वायरस वायरल कंजंक्टाइवाइटिस के रूप में भी जाना जाता है।
बरसात के मौसम में कई प्रकार के वायरस और एलर्जी का रिस्क बढ़ जाता है। वहीं इस बार आंखों को एडिनोवायरस ने अपनी चपेट में लिया है जिसकी वजह से दिल्ली सहित कई राज्यों की एक बड़ी जनसंख्या आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस जैसी बीमारी से जूझ रही है।
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इस बीमारी में आंखों में खुजली और चिपचिपा पानी आने के साथ ही रेड या पिंक आई हो जाती है। इस बीमारी के हजारों मरीज रोजाना अस्पतालों में जा रहे हैं तो कुछ लोग खुद ही मेडिकल स्टोर्स से आई ड्रॉप्स खरीदकर अपना इलाज कर रहे हैं,और कुछ घरेलू नुस्खें आजमा रहे हैं।
आईज फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए:
- आंखों को स्पर्श करने से पहले और बाद में हाथों को धोना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आपकी आंखों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
- अगर कोई आपके पास ऑय फ्लू संक्रमित है, तो आपको उनसे दूर रहना चाहिए और उनके वस्त्र, तौलिये, और सामग्री का उपयोग न करें।
- अपनी आंखों को साफ और सुरक्षित रखने के लिए तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
- किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए।
- आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
- यदि बच्चों के आंख में हो गया हो, तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
- तीन-चार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।
- किसी दूसरे को तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- आँखों में गुलाब जल की बुँदे डालें दिन में 3 -4 बार इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
नोट: आईज फ्लू एक संक्रमण होने के बावजूद आमतौर पर स्वयं ठीक हो जाता है। लेकिन यदि लक्षण बढ़ते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।