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गुरु गोविंद जयंती :सिख समुदाय के दसवें धर्म-गुरु (सतगुरु) गोविंद सिंह जी का जन्म उत्सव 2

गुरु गोविंद जयंती :सिख समुदाय के दसवें धर्म-गुरु (सतगुरु) गोविंद सिंह जी का जन्म उत्सव

सिख समुदाय के दसवें धर्म-गुरु (सतगुरु) गोविंद सिंह जी का जन्म पौष शुदि सप्तमी संवत 1723 (22 दिसंबर, 1666) को पटना शहर में गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के घर हुआ। गुरु गोविंद सिंह के जन्म उत्सव को ‘गुरु गोविंद जयंती’ के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में भव्य कार्यक्रम सहित गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। अंत: सामूहिक भोज (लंगर) का आयोजन किया जाता है।

साल 2016 में गुरु गोविंद सिंह जयंती 5 जनवरी को मनाई जाएगी। पटना साहिब (जन्म स्थल), आनंदपुर साहिब (गुरुद्वारा केशगढ़) आदि स्थानों पर गुरु गोविंद सिंह जयंती बेहद धूमधाम से मनाई जाती है। खालसा पंथ के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है।

गुरु गोविंद सिंह जी को सिख धर्म का सबसे वीर योद्धा और गुरु माना जाता है। गुरुजी ने निर्बलों को अमृतपान करवा कर शस्त्रधारी कर उनमें वीर रस भरा। उन्होंने ही खालसा पंथ में “सिंह” उपनाम लगाने की शुरुआत की।

एक वीर योद्धा होने के साथ वह एक बेहतरीन कवि भी थे। समय के अनुकूल गुरुजी ने योगियों, पंडितों व अन्य संतों के मन की एकाग्रता के लिए बेअंत बाणी की रचना की।

गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु की पदवी को समाप्त करने “गुरु ग्रंथ साहिब” को सिखों का गुरु बनाया। गुरु गोविंद सिंह जी ने आदेश दिया कि आगे से कोई भी देहधारी गुरु नहीं होगा और गुरु वाणी व गुरु ग्रंथ साहिब ही सिखों के लिए गुरु सामान्य होगी।

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