भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉक्टर हरगोविंद खुराना का आज खास दिन :
हरगोविंद खुराना का जन्म ब्रिटिश इंडिया में रायपुर (मुल्तान, अब पाकिस्तान में) में हुआ था पर सन 1966 में उन्होंने अमेरिकी नागरिकता ग्रहण कर ली थी। भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉक्टर हरगोविंद खुराना का आज (9 जनवरी) जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बना कर हरगोविंद को याद किया है।
डॉक्टर हरगोविंद खुराना को 1968 में फिजियोलॉजी में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, विलियर्ड गिब्स अवार्ड, अलबर्ट लास्कर अवार्ड और गैर्डनर फाउंडेशन इंटरनैशनल अवार्ड जैसे ढेरों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
डॉ. खुराना का जन्म रायपुर में 9 जनवरी साल 1922 को हुआ था। डॉ. हरगोविंद खुराना ने लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी से साल 1943 में बी.एस-सी. (आनर्स) और साल 1945 में एम.एस.सी. (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। भारत सरकार की छात्रवृत्ति से वो उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए।
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इंग्लैंड में उन्होंने लिवरपूल यूनिवर्सिटी से डाक्टरैट की उपाधि प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय भारत में बिताया। इसके बाद वह प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड पर रिसर्च के लिए वापस कैंब्रिज चले गए। खुराना प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड के विशेषज्ञ बन गए है।
डॉ. खुराना ने जीन इंजीनियरिंग (बायो टेक्नोलॉजी) विषय की बुनियाद रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड और कनाडा की यूनिवर्सिटीज में इसपर रिसर्च किया।
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व्यक्तिगत जीवन
डॉ हरगोविंद खोराना ने सन 1952 में स्विस मूल की एस्थर एलिजाबेथ सिब्लर से विवाह कर लिया। खुराना दंपत्ति की तीन संताने हुईं – जूलिया एलिज़ाबेथ (1953), एमिली एन्न (1954) और डेव रॉय (1958) उनकी पत्नी ने ताउम्र डॉ खुराना का उनके शोध और अध्यापन के कार्यों पूरा सहयोग किया। सन 2001 में एस्थर एलिजाबेथ सिब्लर की मृत्यु हो गयी।
मृत्यु
09 नवम्बर 2011 को इस महान वैज्ञानिक ने अमेरिका के मैसाचूसिट्स में अन्तिम सांस ली। उनके पीछे परिवार में पुत्री जूलिया और पुत्र डेव हैं।