अब तक हमने जाना प्रेगनेंसी के नौ महीने तक का सफ़र। एक औरत के लिए बेहद खूबसूरत और खुशियों से भरा एहसास है। इस दौरान आपको काफी चीजों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रेगनेंसी के दौरान खुद को समय न देना। प्रेगनेंसी में जटिलताएं और बाधाएं पैदा कर सकती हैं। ऐसा होने के कारण नॉर्मल डिलीवरी की संभावना खत्म हो जाती है और फिर शिशु के जन्म के लिए ऑपरेशन का इस्तेमाल किया जाता है।
अपने खान पान, लाइफस्टाइल का सही इस्तेमाल करके प्रेगनेंसी से संबंधित सभी समस्याओं को काफी हद तक ख़तम किया जा सकता है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए शुरूआती दिनों से ही अगर सावधानी बरतेंगे तो सिजेरियन की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।
नॉर्मल डिलीवरी क्या है:
शिशु का जनम दो तरीके से होता है। नॉर्मल और दूसरा सिजेरियन डिलीवरी। नॉर्मल डिलीवरी प्रसव की एक प्रक्रिया है जिसमें शिशु का योनि के जरिए जन्म लेता है। आमतौर पर इसमें किसी डॉक्टर, हॉस्पिटल या ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन सिजेरियन डिलीवरी यानी की ऑपरेशन में इन सबकी जरूरत पड़ती है। नॉर्मल डिलीवरी हमेशा सिजेरियन डिलीवरी से बेहतर माना जाता है क्योंकि इसमें किसी भी तरह के किसी खतरे की संभावना लगभग नहीं के बराबर होती है।
कई बार केस में कुछ कॉम्प्कलिकेशन होने के कारण ऑपरेशन ही एकमात्र उपाय बचता है। ऑपरेशन करने के बाद महिला और शिशु दोनों को काफी दिक्कतें का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर एक महिला चाहती है की उसके शिशु की नार्मल डिलीवरी हो।
आइए जानते हैं कैसे शुरूआती दौर से ध्यान रखने पर नार्मल डिलीवरी संभव है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं:
एक प्रेगनेंट महिला को दिन भर में कम से कम आठ से दस ग्लास पानी पीना चाहिए। इसके अलावा नारियल पानी या फ्रूट ज्यूस का सेवन करती हैं तो ये उनके लिए और बेहतर है। प्रेगनेंसी के दौरान कोशिश करनी चाहिए की आप प्यास महसूस करने से पहले पानी पी लें।
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यह आपके शरीर, शिशु के विकास में उत्पन्न होने वाली बाधाओं को दूर करता है और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाता है।
खान पान पर ध्यान दें:
प्रेगनेंसी के नौवें महीने के दौरान आपको फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, आयोडीन, विटामिन और दूसरे काफी पोषक तत्वों की भरी मात्रा में जरूरत पड़ती है जिसकी पूर्ति आप अपने खान पान के जरिए करते हैं।
तनाव से दूर रहें:
प्रेगनेंसी में आपका फिट और फ्रेश रहना बहुत आवश्यक है क्योंकि ये आपकी आधे से ज्यादा परेशानियों को खत्म कर देते हैं। आपके तन और मन को स्वस्थ रहना बेहद जरुरी हैं। इसलिए खुश रहिए, तनावमुक्त रहिए।
अगर आप खुद के साथ साथ अपने शिशु को स्वस्थ रखना और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को ज्यादा बढ़ाना चाहती हैं तो इसके लिए आप रोजाना सुबह के समय पैदल थोड़ी देर एक चलें यानी की वॉक करें क्योंकि सुबह चलना और सुबह की शुद्ध हवा आप दोनों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है।
योग करें:
थोड़े समय के लिए योग करना चाहिए क्योंकि यह तनाव को दूर, मन को शांत और दूसरी परेशानियों को दूर करने में काफी कारगर होता है। योग करने से आपको काफी सुकून मिलता है जिसके कारण आपका टेंशन, तनाव, मन का भारीपन और उदासींता दूर हो जाती हैं।
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कुछ योग आसन जो प्रेगनेंसी के दौरान बहुत फायदेमंद माने जाते हैं इसमें मैडिटेशन, अनुलोम विलोम,तितलीआसन, त्रिकोनासन, शवासन, बद्धकोणासन, ताड़ासन शामिल हैं।
एक अनुभवी दाई रखें:
प्रेगनेंसी के दौरान एक अनुभवी दाई रखने के कई फायदे हैं। दाई को प्रेगनेंसी और नार्मल डिलीवरी से संबंधित सभी जानकारियां होती हैं। ये आपकी आधी परेशानियों को खत्म कर देती हैं। इन्हे नार्मल डिलीवरी के लिए क्या क्या करना चाहिए आदि सभी चीजें पता होती हैं।
जो आपके नार्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ा सकती हैं। साथ ही इन्हे जन्म के बाद शिशु की कैसे देख रेख करनी है इसका भी अनुभव होता है। प्रेगनेंसी के समय अपने पास एक अनुभवी दाई रखने की कोशिश करें।