भारत की प्रथम महिला जासूस:
जासूसी के पेशे में महिलाओं के वर्चस्व की नीव रखने का श्रेय जाता है भारत की पहली महिला जासूस रजनी पंडित को। अक्सर माना जाता हैं कि जासूसी का काम पुरुष ही कर सकते हैं। यह मानना लाजमी भी हैं, क्योंकि जासूसी में जो रिस्क और मुश्किलें हैं, उनका सामना करने के लिए ना केवल तेज दिमाग चाहिए बल्कि खतरों से निपटने का बड़ा दिल भी होना चाहिए।
रजनी पंडित आज 51 साल की हैं और जब 1991 में उन्होंने अपनी एजेन्सी की शुरुआत की थी तो वो केवल 25 साल की थीं। आज उनकी टीम में 20 लोग हैं, और अब तक ये 75,000 केस सॉल्व कर चुकी हैं, जिसके लिए उन्हें 57 अवार्ड भी मिल चुके हैं।
कैसे हुई जासूस रजनी पंडित की ज़िन्दगी की शुरुआत:
रजनी पंडित के लिए इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था, क्यूंकि आजकल की दुनिया के चाल-चलन से एक महिला के लिए बहुत मुश्किल है लेकिन इस पेशे के प्रति अपने पैशन की वजह से वो सारी मुश्किलों को पार करती गईं।
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रजनी पंडित ने ग्रैज्युएशन पूरी करने के बाद एक शॉर्ट टर्म जॉब की। रजनी पंडित बताती हैं कि उनके पिता शांताराम पंडित मुंबई पुलिस में सीआईडी इंस्पेक्टर थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के मर्डर केस पर भी काम किया था। रजनी पंडित का बचपन से ही अपने पिता के काम की तरफ झुकाव था। वो सोचती थी कि लोगों को सीधे पुलिस से न्याय क्यों नहीं मिलता।
महिलाओं के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं:
रजनी पंडित का कहना हैं कि पहले के मुकाबले अब जासूस का काम आसान हो गया हैं, क्योंकि अब अच्छी क्वालिटी के रिकॉर्डर, स्पाई कैमरे आदि उपलब्ध हैं। रजनी पंडित कहती हैं ‘अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो आपको करना चाहिए। अगर आप उसे लेकर उत्साहित हैं तो उसे करने में कोई शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए।
आत्मविश्वास, साहस और हठ- वो चीजें हैं जो आपके साथ हमेशा चलती हैं। इनके साथ, महिलाएं वो सबकुछ कर सकती हैं जो वो चाहती हैं.’उन्हाेंने कहा कि मैं हर राेज 14 घंटे काम करती हूं। मैं इस पेशे में नाम, शौहरत और पैसे के लिए नहीं आई हूं। मैं सिर्फ जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करना चाहती हूं।
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कब आया जासूस बनने का ख्याल:
रजनी पंडित कहती हैं कि जब वह कॉलेज में थी, ताे उनकी क्साल की लड़की राेज गलत लड़काें के साथ मिल कर सिगरेट और शराब पीती थी। उस दिन उन्हाेंने साेच लिया की वह उस लड़की के घरवालाें काे बताकर ही रहेंगी।
इसलिए रजनी पंडित ने उस लड़की के घर का पता लगाया अौर उसके पिता काे अपने साथ लेकर अा गई, जहां पर वाे उन लड़काें के साथ मस्ती कर रही थी। उसके बाद उस लड़की के पिता ने मुझ से पुछा बेटी क्या अाप जासूस हाे, बस उस दिन के बाद मेरे मन में जासूस बनने का ख्याल अा गया।
केस हल करने के लिये निभाये बहुत सारे किरदार:
रजनी ने केस को हल करने के लिये अब तक बहुत सारे किरदार निभाये है जैसे घरेलु काम वाली महीला, अंधी महिला, गर्भवती महिला, फेरीवाली महिला इत्यादि। अपने केस का हल निकालने के लिये उसने हर तरह का प्रयास किया। बहुत सारे मामलो में एक बात समान थी कि जैसे पति-पत्नी में अविश्वास के कारण झगडा, विवाहबाह्य सम्बन्ध, शादी के पहले लड़का या लड़की के बारे मे जानकारी निकालना इत्यादी।
रजनी हँसकर कहती है “मैं हमेशा से लोगो के कठिन समय पर उनकी मदद करती हूँ, उन्हें हौसला देती हूँ और जिन्दगी में आगे बढने के लिये प्रोत्साहन देती हूँ। इस तरह से मैं एक प्रकार से समाजसेवा भी करती हूँ।”