1. कोणार्क सूर्य मंदिर-
ओडिशा के कोणार्क में रथ के आकार में बनाया गया यह खूबसूरत मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर अपने विशिष्ट आकार और शिल्पकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। हिन्दू मान्यता के अनुसार सूर्य देवता के रथ में 12 पहिए हैं और रथ को खींचने के लिए उसमें 7 घोड़े हैं। रथ के आकार में बने कोणार्क के इस मंदिर में भी पत्थर के पहिए और घोड़े बनाए गए हैं। यहां की सूर्य प्रतिमा पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखी गई है और अब यहां कोई भी मूर्ति नहीं है।
2. सूर्य मंदिर, मोढ़ेरा-
गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह प्रसिद्ध मंदिर। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट भीमदेव सोलंकी प्रथम ने करवाया था। सोलंकी सूर्यवंशी थे और वे सूर्य को कुलदेवता के रूप में पूजते थे। इसलिए उन्होंने अपने आराध्य देवता की पूजा अर्चना के लिए एक भव्य सूर्य मंदिर बनवाया।
3. मार्तंड सूर्य मंदिर, अनंतनाग-
इस मंदिर का निर्माण मध्यकालीन युग में 7वीं से 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। सूर्य राजवंश के राजा ललितादित्य ने इस मंदिर का निर्माण जम्मू कश्मीर के छोटे से शहर अनंतनाग के पास एक पठार के ऊपर करवाया था। इसमें 84 स्तंभ हैं जो नियमित अंतराल पर रखे गए हैं। मंदिर को बनाने के लिए चूने के पत्थर की चौकोर ईंटों का उपयोग किया गया है, जो उस समय के कलाकारों की कुशलता को दर्शाता है।
4. बेलाउर सूर्य मंदिर, बिहार-
बिहार के भोजपुर जिले के बेलाउर गांव के पश्चिमी एवं दक्षिणी छोर पर स्थित बेलाउर सूर्य मंदिर काफी प्राचीन है। राजा द्वारा बनवाए 52 पोखरों में से एक पोखर के बीच में यह सूर्य मंदिर स्थित है। यहां छठ महापर्व के दौरान हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से इस स्थान पर छठ व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
5. झालरापाटन सूर्य मंदिर-
राजस्थान के झालावाड़ का दूसरा जुड़वा शहर झालरापाटन को सिटी ऑफ वेल्स यानी घाटियों का शहर भी कहा जाता है। शहर के बीचोंबीच स्थित सूर्य मंदिर झालरापाटन का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। वास्तुकला की दृष्टि से भी यह मंदिर अहम है। इसका निर्माण दसवीं शताब्दी में मालवा के परमार वंशीय राजाओं ने करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्रतिमा विराजमान है।
6. सूर्य मंदिर, रांची-
रांची से 39 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह सूर्य मंदिर बुंडू के समीप है। संगमरमर से निर्मित इस मंदिर का निर्माण 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर विद्यमान भगवान सूर्य के रूप में किया गया है। 25 जनवरी को हर साल यहां विशेष मेले का आयोजन होता है।
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