दूसरी बार चीन के प्रेसिडेंट बनने के बाद शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीन की सेना से कहा है कि वो जंग के लिए तैयार रहे। चीन की सेना में 23 लाख जवान और अफसर हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में इस हफ्ते ही जिनपिंग को बतौर प्रेसिडेंट दूसरा टर्म दिया गया है। जिनपिंग का यह बयान भारत के लिहाज से अहम है। क्योंकि, कुछ दिनों पहले ही डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव टला था। दोनों आर्मी 72 दिन तक आमने-सामने रहीं थीं।
पार्टी के भी लीडर :
67 साल के जिनपिंग सिर्फ प्रेसिडेंट नहीं हैं। आर्मी और पार्टी की कमान भी उनके ही हाथों में है। गुरुवार को ही उन्होंने दूसरा टर्म शुरू किया है।
जिनपिंग ने दूसरा टर्म शुरू करते ही सबसे पहले देश के टॉप मिलिट्री कमांडर्स की मीटिंग ली।
चीन में आर्मी से जुड़े फैसले सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) लेता है। इसके चेयरमैन शी जिनपिंग ही हैं। खास बात ये है कि इस कमीशन में सिर्फ जिनपिंग ही सिविलियन लीडर हैं। बाकी सभी आर्मी के टॉप कमांडर्स हैं।
सीएमसी में भी बदलाव :
सीएमसी में पहले 11 मेंबर होते थे। लेकिन, इस बार 7 मेंबर कर दिए गए हैं। पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी में भी पहले सात मेंबर होते थे। अब इनकी तादाद पांच कर दी गई है। जिनपिंग ने अपने पहले टर्म में करप्शन के खिलाफ बड़ी मुहिम चलाई थी। इसमें करीब 10 लाख लोगों को सजा दी गई थी।
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सीएमसी में सब कुछ ठीक नहीं :
न्यूज एजेंसी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के हवाले से जानकारी दी है कि जिनपिंग ने गुरुवार रात टॉप आर्मी अफसरों के साथ जो मीटिंग की थी, उसमें कुछ अफसर शामिल नहीं हुए।एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो टॉप जनरल, पूर्व चीफ ऑफ जनरल स्टाफ फेंग फेंगहुई और पॉलिटिकल वर्क डिपार्टमेंट के डायरेक्टर झांग येंग जिनपिंग की इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। बता दें कि फेंग और झांग जिनपिंग के पहले टर्म में सीएमसी के मेंबर थे। लेकिन, पिछले हफ्ते पार्टी कांग्रेस की जो मीटिंग हुई थी, उसमें पीएलए डेलिगेट्स की लिस्ट से इनके नाम हटा दिए गए थे।
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रिपोर्ट के मुताबिक- जो दो जनरल मीटिंग में शामिल नहीं हुए, उनके खिलाफ करप्शन की जांच चल रही है। इसलिए, वो मीटिंग में शामिल नहीं हुए।
अफसरों से क्या कहा जिनपिंग ने?
मिलिट्री अफसरों से बातचीत में जिनपिंग ने कहा कि वो पार्टी के लिए वफादार रहें। इस बात पर ज्यादा फोकस करें कि जंग कैसे जीती जाए। आर्म्ड यूनिट्स को साइंटिफिक तरीके से कमांड किया जाए। नियम और कायदों को पूरी तरह फॉलो किया जाए।
जिनपिंग ने ये भी कहा कि सेना को जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके लिए ट्रेनिंग और एक्सरसाइज होती रहना चाहिए। नेशनल डिफेंस सिस्टम में रिफॉर्म्स का सिलसिला भी जारी रहना चाहिए। डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन रेन गोकियांग ने कहा- जिनपिंग के प्लान को पूरी तरह अमल में लाया जाएगा। उनके जो भी ऑर्डर हैं, उन्हें फॉलो किया जाएगा।
आर्मी में कटौती चाहते हैं जिनपिंग :
अपने पिछले टर्म में जिनपिंग ने 23 लाख आर्मी पर्सनल में से तीन लाख कम करने को कहा था। वो कमांड स्ट्रक्चर में भी रिफॉर्म्स लाना चाहते थे। जिनपिंग का फोकस नेवी को और पावरफुल बनाना चाहते थे। ताकि, दूसरे देशों में चीन का रुतबा बढ़ सके।
जिनपिंग ने जब एंटी-करप्शन मुहिम चलाई तो 13 हजार मिलिट्री पर्सनल पर भी कार्रवाई की गई। बता दें कि चीन की आर्मी का ऑफिशियल बजट 141 बिलियन डॉलर है। ये सिर्फ अमेरिका से कम है।
साभार :DainikBhaskar.com