हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। सृष्टि संचालक भगवान विष्णु की कई विशेष पूजा-व्रत में अनंत चतुर्दशी भी एक है। इसे अनंत चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखने, पूजा करने और अनंत सूत्र बांधने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दुखों का नाश होता है।
अनंत चतुर्दशी व्रत का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है।
इस दिन अनंत भगवान यानी भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है। ये कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठे होती हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन में श्री गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। भारत के कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
अनंत चतुर्दशी 2023 शुभ संयोग:
28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्दशी की पूजा बेहद शुभ संयोग में होगी। अनंत चतुर्दशी के दिन गुरुवार रहेगा, जोकि भगवान विष्णु का प्रिय दिन माना जाता है। ऐसे में गुरुवार के दिन अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करना बहुत शुभ रहेगा।
इसके अलावा इस दिन वृद्धि योग रहेगा और पूरे दिन रवि योग रहेगा। दोपहर 01:48 तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। ऐसे में इन अद्भुत संयोग और शुभ योग में किए पूजन से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होगी और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होगी।
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अनंत चतुर्दशी पूजा:
अनंत चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और पीले वस्त्र धारण करें। फिर पूजाघर की साफ-सफाई कर गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद कलश स्थापित कर व्रत का संकल्प लें। एक चौकी में लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की शेषनाग वाली प्रतिमा स्थापित करें।
भगवान का हल्दी और चंदन से तिलक करें और फल, फूल, मिष्ठान व नैवेद्य चढ़ाएं। साथ ही अनंत सूत्र भी चढ़ाएं। अनंत सूत्र की भी षोडषोपचार विधि से पूजा करें। इस दिन तिल, घी, मेवा और खीर से हवन करना चाहिए और केले वृक्ष की पूजा भी करें। साथ ही ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा भी जरूर दें। पूजा के बाद स्त्री अपने बाएं हाथ के बाजू और पुरुष दाएं हाथ की बाजू में अनंत सूत्र बांधें।
अनंत चतुर्दशी 2023 पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त:
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा,वहीं शाम के समय का गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
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