निर्भया रेप कांड का नाबालिग दोषी 20 दिसंबर को रिहा किया जाना है। हालांकि केंद्र सरकार की चिंता को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट इसमें दखल दे सकता है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार की तरफ से जमा कराई गई रिहाई योजना को पढ़ने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
सोमवार को दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने नाबालिग दोषी के पुनर्वास की योजना पेश की। इसके मुताबिक दिल्ली सरकार उसे 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद और एक सिलाई मशीन देगी ताकि वो दुकान किराए पर लेकर टेलरिंग का काम कर सके। दिल्ली सरकार के इस कदम पर ऐतराज जताते हुए केंद्र ने कहा कि अभी नाबालिग दोषी की मानसिक स्थिति संदिग्ध है। केंद्र चाहता है कि अभी उसे बाल सुधार गृह में ही रखा जाए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर, 2012 सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी की रिहाई के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया था। स्वामी ने अपनी याचिका में नाबालिग में सुधार पर संदेह जाते हुए उसे सुधार गृह में ही रखने का अनुरोध किया है।
नाबालिग अपराधी को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के आदेश पर 20 दिसम्बर को रिहा किया जाना है, लेकिन केंद्र सरकार ने भी यह कहते हुए इस अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया है कि उसकी रिहाई के बाद जो कुछ आवश्यक कदम उठाए जाने हैं, वे अभी पूरे नहीं हुए हैं।