सरकार ने आज लोकसभा में आश्वासन दिया कि ‘सेक्युलर’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में बना रहेगा और इसे संशोधित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
डा. बी आर अम्बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष में ‘संविधान के प्रति प्रतिबद्धता’ पर कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘सेक्युलर शब्द संविधान में था, संविधान में है और संविधान में रहेगा।’ इस बारे में विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा, ‘आज संविधान को कोई खतरा नहीं है। कोई गिरफ्तारियां (नेताओं की) नहीं हो रही हैं। जजों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया जा रहा है। हम सभी को संविधान को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘सेक्युलरिजम हमारे दिल में है और यह हमारे दिल में रहेगा।’ इसके साथ ही उन्होंने ‘छद्म धर्मनिरपेक्षों ‘ पर हमला बोलते हुए कहा कि जो जाति और सांप्रदायिक राजनीति करते हैं वे दूसरों को धर्मनिरपेक्षता विरोधी कहते हैं।’ उल्लेखनीय है कि कल चर्चा की शुरूआत करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान में 42वें संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़े जाने पर सवाल उठाया था।
आरक्षण पर छिड़ी बहस पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जब तक जरूरत है तब तक आरक्षण देगी। उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी का पक्ष है।’ संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का समर्थन करने के साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि यह इतना आसान नहीं है और माना कि इसे लेकर सत्ता पक्ष भी हिचक रहा है और विपक्ष भी हिचक रहा है। नायडू ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर किसी नतीजे पर पहुंचना होगा और हमारी सरकार यह काम कर रही है।