टीबी क्या है ?
टीबी एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। यह बिमारी प्रभावित व्यक्ति के खांसी, छींक, लार आदि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
टीबी के जीवाणु फेफड़ों के साथ-साथ रीढ़, मस्तिष्क और किडनी पर भी हमला करते हैं। यदि आपमें वजन घटना, बुखार, रात को पसीना, ग्रंथियों में सूजन आदि जैसे रोग के लक्षण हैं, तो डॉक्टर को जरुर दिखाएँ।
ट्यूबरक्लोसिस के जीवाणु कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में सक्रिय हो जाते हैं और ट्यूबरक्लोसिस रोग का कारण बनते हैं।
टीबी के लक्षण:
टीबी हमारे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके लक्षण बुखार, वजन घटना, पेशाब में खून आना, भूख कम लगना और पेशाब में जलन हो सकते हैं।
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टीबी कितने प्रकार की होती है:
प्लमोनरी टीबी: – यह टीबी का प्राइमरी रूप होता है, जो लंग को प्रभावित करता है। यह बहुत ही कम उम्र वाले बच्चों में या फिर अधिक उम्र वाले वृद्ध लोगों में होता है।
एक्ट्रापल्मोनरी टीबी: – इस प्रकार में टीबी हड्डियां, किडनी और लिम्फ नोड आदि में होता है।
घरों में ऐसे करें रोकथाम:
अगर आपको टीबी की शिकायत है, तो जब आप खांसते या छींकते हैं, तो आपको अपने चेहरे को रुमाल से ढंकना चाहिए। आपको अपना इस्तेमाल किया हुआ रुमाल धो कर उपयोग में लाना चाहिए।
यदि आपके पास रुमाल या टिश्यू नही है तो अपनी ऊपरी बांह या कोहनी में खांसना या छींकना चाहिए। आपको अपने हाथों पर खासना नहीं चाहिए। खांसने के बाद आपको अपने हाथ धोने चाहिए।
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स्मीयर पॉज़िटिव होने पर, ये सब करें:
घरों को पर्याप्त रूप से हवादार होना चाहिए। जितना हो सके बाहर समय बिताएं। यदि संभव हो तो, पर्याप्त हवादार कमरे में अकेले सोएं। जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कम से कम समय बिताएं। जितना हो सके कम से कम समय उन जगहों पर बिताएं जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
खाने में क्या खाएं :
टीबी के संक्रमित व्यक्ति को फलों में अमरूद, सेब, संतरा, नींबू, आंवला, आम जैसे फल खाने चाहिए. इन फलों में विटामिन A, E और विटामिन C की अच्छी मात्र होती है।
हरे-पत्तेदार सब्जियां सेवन करना बेस्ट ऑप्शन है। इसके लिए डाइट में साग, पालक, करेला, लहसुन, खीरा, मटर, पालक, घिया, टमाटर, आलू, फूल गोभी आदि शामिल करें। इसे सब्जी, सलाद व सूप के तौर पर सेवन किया जा सकता है। इससे इम्यूनिटी स्ट्रांग होने से इस गंभीर रोग से लड़ने की शक्ति मिलेगी।