जीवन परिचय और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित :
मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी (लघु नाम: मैरी क्यूरी) (7 नवंबर 1867 – 4 जुलाई 1 9 34) विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। मेरी ने रेडियम की खोज की थी। विज्ञान की दो शाखाओं (भौतिकी एवं रसायन विज्ञान) में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं।
वैज्ञानिक मां की दोनों बेटियों ने भी नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बडी बेटी आइरीन को 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव को 1965 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
वैवाहिक जीवन से जुड़े कुछ तथ्य :
मैरी क्यूरी (मैडम क्यूरी) ने दो नोबेल पुरस्कार जीते हैं। एक फिज़िक्स में और एक केमिस्ट्री में उनके बारे में आगे बात करने से पहले जान लीजिए कि महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन ने दो शादियां की थीं। उनकी दूसरी पत्नी उनकी कजिन थीं।
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पहली पत्नी से तलाक के पीछे आइंस्टीन का अपनी महिला प्रशंसकों से कुछ ज्यादा ही करीब रहना था। आइंस्टीन ने अपने छोटे बेटे के लिए ये भी कहा था कि अच्छा रहता अगर वो पैदा ही न हुआ होता। इसकी वजह थी कि वो सिजोफ्रेनिया का मरीज था।
आप कहेंगे ये सब बातें यहां क्यों लिखी जा रही हैं। आइंस्टीन ने दुनिया को बहुत कुछ दिया। उनकी शादी का उससे कोई संबंध नहीं। मगर दुनिया को, दुनिया भर के वैज्ञानिकों को और नोबेल कमेटी को मैडम क्यूरी से समस्या थी, वो चाहते थे कि क्यूरी अपना नोबेल ग्रहण करने न आए।
मैरी के पति पियरे क्यूरी की 1906 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इसके चार साल बाद उनका अपने जूनियर रिसर्चर पॉल लैवेंग्वीन से अफेयर हुआ। मैरी तब 43 साल की थीं और पॉल 37 के. पॉल की पहले से एक पत्नी और चार बच्चे थे।
अखबारों ने दोनों को लेकर कई खबरें छापीं, क्यूरी को नाजायज़ संबंध बनाने वाली चरित्रहीन औरत कहा गया। जबकि पॉल अपनी पत्नी से कानूनी रूप से अलग होकर (तलाक लिए बिना) रहते थे। पॉल की पत्नी ने मैरी के लिखे प्रेम पत्रों को अखबारों को दे दिया, पूरे फ्रांस में ये पत्र स्कैंडल की तरह छापे गए।