तमिलनाडु की राजधानी और इससे सटे जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में गुरुवार को राहत और बचाव का काम पूरे जोर-शोर से चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों के लोगों को गुरुवार को मूसलाधार बारिश से राहत मिली जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के लिए 1,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि देने की घोषणा की।
तटीय कुड्डलोर, विल्लुपुरम, कन्याकुमारी जिलों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में भारी बारिश जारी है। राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 269 हो गई। शहर के देश के अन्य हिस्सों से कटे होने के कारण हवाई, रेल और सड़क परिवहन सेवाएं निलंबित हैं जबकि माउंट रोड सहित प्रमुख सड़कों पर बाढ़ का पानी जमा होने के कारण सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है।
अगले 24 घंटों में चेन्नई, तमिलनाडु के तटीय एवं अंदरूनी इलाकों में मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान है। चेन्नई को मदुरै और उससे आगे के क्षेत्र से जोड़ने वाली ग्रैंड साउदर्न ट्रंक रोड पर भी यातायात ठप है क्योंकि कांचीपुरम जिले में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं।
दक्षिणी रेलवे ने शनिवार तक सभी अंतर-राज्यीय एवं राज्य की ट्रेन सेवाओं को रद्द करने की घोषणा की है जबकि हवाई अड्डे को भी रविवार तक बंद रखा जाएगा। आपूर्ति कम होने के कारण दूध, सब्जियों और खाद्य पदाथरें की कीमतें आसमान छू रही हैं। लोगों को जरूरी सामान खरीदने के लिए भी बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
बाढ़ की भयावह स्थिति के बीच मोदी ने चेन्नई, इसके उपनगरीय इलाकों और पड़ोसी जिलों कांचीपुरम और तिरवल्लूर के बाढ़ प्रवाहित इलाकों का हवाई दौरा कर हालात का जायजा लिया। बाद में उन्होंने नेवल बेस ‘आईएनएस अडयार’ में मुख्यमंत्री जयललिता से विचार-विमर्श किया और नवंबर में हुई बारिश के समय तमिलनाडु के लिए घोषित 940 करोड़ रुपये के अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। जयललिता ने भी प्रभावित इलाकों का अलग से हवाई दौरा कर हालात का जायजा लिया।
एक संक्षिप्त बयान, जिसे तमिल भाषा में शुरू किया गया, में मोदी ने कहा कि उन्होंने बेहद भारी बारिश के कारण हुए नुकसान और विपत्ति को खुद अपनी आंखों से देखा है। भारत सरकार इस मुश्किल घड़ी में तमिलनाडु की जनता के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके समर्थन में खड़ा रहूंगा।’’
एनडीआरएफ की टीमों और थलसेना, पुलिस एवं दमकल सेवा के जवानों ने कोट्टूरपुरम, नंदनम, जफरखानपेट, सईदापेट और वेलाचेरी, मदिपक्कम, तांबरम और मुदीचूर इलाकों में बाढ़ प्रभावित लोगों को उनके घरों से निकाला। इन इलाकों में पानी पहली मंजिल तक पहुंच चुका है।
एनडीआरएफ की कुल 28 टीमें, जिसमें 1200 जवान हैं, चेन्नई में तैनात की गई हैं। इन टीमों ने 110 से ज्यादा नौकाएं तैनात कर 5,000 से ज्यादा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एनडीआरएफ की दो टीमें पुडुचेरी में भी तैनात की गई हैं।
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वायुसेना के जवानों ने खाने के सामानों से लैस पैकेट घरों की छतों पर गिराए ताकि अपने घरों की छतों पर रह रहे लोगों को राहत मिल सके। कुल 14 लाख पैकेट बांटे गए हैं। करीब 255 नौसैनिक जवानों को 12 नौकाओं के साथ सेवा में तैनात किया गया है और 15 हेलीकॉप्टर राहत मुहैया कराने का काम कर रहे हैं।
चेन्नई में बारिश तो थम गई है लेकिन शहर में पेयजल के प्रमुख स्रोत चेम्बरमबक्कम झील से 30,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण कोडमबक्कम, टी नगर और अशोक नगर जैसे इलाकों की सड़कों पर बाढ़ आ गई। अडयार नदी चेन्नई के कई इलाकों से गुजरती हुई समुद्र में जाती है। चेम्बरमबक्कम और शहर के बाहर के इलाकों की झीलों में जलस्तर बहुत बढ़ जाने के बाद से अडयार नदी भी उफान पर है।