वॉशिंगटन : अमेरिकी संस्था की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां के लोग सबसे ज्यादा धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं। भारत के अलावा एशिया प्रशांत क्षेत्र के कई और देश भी है जहां के लोग देश में धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं। यह शोध दुनियाभर के तमाम देशों में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी, सरकारी सेंसरशिप, राजनीतिक चुनाव और इंटरनेट स्वतंत्रता को आधार बनाकर किया गया है।
अमेरिकी मूल की संस्था पीउ रिसर्च ने कुल 38 देशों में अपने शोध कार्यक्रम को चलाया जिसमें 40,786 लोगों का इंटरव्यू लिया गया। ये शोध 5 अप्रैल से 21 मई 2015 के बीच किया गया जिसमें यह पाया कि ज्यादातर लोगों का मानना है धार्मिक स्वतंत्रता के दृष्टिकोण से भारत सबसे ज्यादा स्वतंत्रता देने वाला देश है।
सर्वे के मुताबिक, ‘एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्थित देशों के लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता काफी मायने रखता है। हालांकि, इसमें भी बहुत ज्यादा मतभेद देखने को मिला। 10 में 8 पाकिस्तानियों, भारतीयों और इंडोनेशियनों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा है। वहीं जापान में महज 24 फीसदी लोग ही इसे तवज्जो देते हैं।’
इसके अलावा भारत में लिंग समानता और धार्मिक स्वतंत्रता को लोग सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। भारत के करीब 74 फीसदी मीडिया संगठनों ने माना कि उन्हें देश में अपनी सूचना प्रसारित करने का पूरा अधिकार है। यहां तक कि वे बड़े राजनीतिक विरोधों को भी आसानी से प्रसारण कर सकते हैं। इंटरनेट की स्वतंत्रता के अधिकार के मुद्दे अन्य देशों की तुलना में महज 38 फीसदी भारतीयों ने अपना समर्थन जताया।
महिलाओं की समानता के अधिकार के बारे में पूछे जाने पर सभी देशों के औसतन 65 फीसदी लोगों ने यह भी माना की महिलाओं को पुरुषों के समान ही अधिकार दिए जाने चाहिए। भारत में करीब 49 फीसदी लोगों का मानना है कि ईमानदार होना बहुत जरूरी है। भारतीयों ने इसके अलावा स्वच्छ और समान चुनाव की भी बात को जरूरी बताया। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के लगभग सभी देशों के नागरिकों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को छोड़कर मीडिया से सेंसरशिप हटा देना चाहिए।
Source-India.com