ग्रेटर नोएडा में पतंजलि मेगा फूड पार्क न लगाने का कारण :
के एमडी और बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजली ने यूपी में फूड पार्क नहीं लगाने का फैसला किया है। पहले उनकी योजना नोएडा में फूड पार्क लगाने की थी। राज्य में फूड पार्क बनाने की योजना के बाद इसमें परिवर्तन करने के पीछे आचार्य बालकृष्ण ने राज्य सरकार का निराशाजनक रवैया बताया है।
इस फैसले से उत्तर प्रदेश के करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीदें भी खत्म हो गईं है। इस संबंध आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर जमीन रद्द होने की पुष्टि की है।
आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली
श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया #पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया pic.twitter.com/hN6LRbhO4i— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) June 5, 2018
राज्य सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक :
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक है और इससे किसानों की स्थिति नहीं सुधर सकती है। बालकृष्ण ने कहा, ‘प्रदेश सरकार के निराशाजनक रवैये को देखते हुए हम उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित फूड पार्क को शिफ्ट कर रहे हैं।
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अखिलेश यादव ने किया था, पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास :
बता दें कि 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते हुए नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था।
अखिलेश सरकार में दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप ने 1600 करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही थी। हालांकि, अब यह योजना रद्द हो गई। इस यूनिट के शिलान्यास के समय पतंजलि की ओर से कहा गया था कि कंपनी बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भी फूड प्रॉसेसिंग यूनिट लगाएगी। इस फैसले से राज्य को नुकसान होना तय है।