कभी वो तुम्हारी धार्मिक यात्राओं पर हमला करते हैं. कभी वो पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पांडाल में आग लगा देते हैं. कभी वो अलीगढ़ में माता का जागरण रुकवा देते हैं तथा माँ की मूर्ती छतिग्रस्त कर देते हैं तो कभी वो कांवड़ यात्रा पर हमला करते हैं तथा वो सिर्फ यहीं तक नहीं रुकते हैं या इसके बाद ही उनकी ऐसी खतरनाक हरकतें रुक नहीं जाती बल्कि इसके बाद भी अनेकों तरीकों से तुम्हारे खिलाफ उनकी साजिशें चलती चलती रहती हैं.
इस सबसे एक ही मतलब निकलता है कि या तो आप उनकी बात मान लो व उनके जैसे बन जाओ या फिर उनके षड्यंत्रों उनके हमले झेलने को तैयार रहो. सीधी बात है कि उन्हें आपके अस्तित्व से ही समस्या है. और ये समस्या अब विकराल रूप धारण कर चुकी है. अब उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसी ही घटना सामने आयी आई है. खबर के मुताबिक मेरठ के सदर बाज़ार क्षेत्र में अश्र्फ्वा वसीम ने एक ऑटो ड्राईवर काले की पिटाई कर दी.
काले का कोई दोष नहीं था लेकिन वसीम व अशरफ को उसका ऑटो चलाना अखरता था. अशरफ ने काले से 1000 रूपये प्रतिदिन ऑटो हफ्ता देने की मांग की लेकिन काले के मना करने पर उन्होंने उसकी पिटाई कर दी. अन्य ऑटो वालों ने उसको बचाने की कोशिश की तो उन्हें भी धमकी देकर भाग गये. हालाँकि घटना की जानकारी मिलने पर वहन का हिन्दू समुदाय आक्रोशित हो गया तथा सडक जाम करके नारेबाजी शुरू कर दी.
घटना के बाद पुलिस पहुँची तथा भरोसा दिया कि मेरठ में आगे से ऐसी कोई घटना नहीं होगी तथा आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिया. लेकिन इससे एक स्पष्ट संकेत निकलता है धार्मिक यात्राओं के बाद उनकी नजरें अब आपके व्यापार पर हैं इसके बाद आपके आवास पर क्ब्जा करने का प्रयास होगा. अगर ऐसी स्थिति से बचना है तो देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिए ताकि इनकी बढ़ती आबादी पर रोक सके. क्यूंकि जहाँ जहाँ इनकी आबादी बढ़ती है वहां वहां ऐसी घटनाएँ बढ़ती हैं और एक दिन वह क्षेत्र इस्लामिक राज्य जैसा हो जता है. आपके सामने इसका सबसे बड़ा उदाहरण कश्मीर है.