मुझे उर्दू अकादमी का चेयरमैन बनाने के पीछे वजह यह नहीं थी कि मैं उर्दू जानता हूं, बल्कि वजह यह थी कि मैं मुसलमान हूं। यही वजह रही कि मैंने बाद में चेयरमैन पद ठुकरा दिया। यह बात प्रख्यात शायर मुनव्वर राना ने कही।
वह एक होटल सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। राना मेला गुघाल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में आयोजित होने वाले मुशायरे में शामिल होने सहारनपुर पहुंचे थे।
मुनव्वर राना ने प्रदेश में उर्दू की बेहतरी के लिए सही कदम उठाए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने प्रदेश की उर्दू अकादमी को गैरजरूरी बताया। कहा कि अकादमी बना देने से उर्दू का भला होने वाला नहीं है।
उन्होंने अकादमी को लेकर प्रदेश सरकार की मंशा पर गंभीर आरोप भी लगाए, जिसमें उन्होंने उर्दू अकादमी को अय्याशी का अड्डा तक कह डाला। यह भी कहा कि जिस दिन प्रदेश के मुसलमान सपा सरकार में शामिल मुस्लिम नेताओं के पीछे चलना छोड़ देंगे तथा लाल बत्ती वालों का गिरेबां पकड़ लेंगे, उसी दिन प्रदेश के मुस्लिमों के हालत सुधर जाएंगे।