बिहार के तेजतर्रार पुलिस ऑफिसर शिवदीप लांडे और असम की आईपीएस ऑफिसर संयुक्ता पाराशर के बाद ऐसी ही फितरत वाली एक और पुलिस अधिकारी का नाम सामने आया है। यह नाम है एसएसपी मंजिल सैनी का। उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार के मुखिया के गढ़ इटावा में पोस्टेड मंजिल के तीखे तेवर इन दिनों इटावा के दबंगों पर भारी पड़ रहे हैं।
इटावा की सड़कों पर बदमाशों और गलत काम करने वालों को सबक सिखाने के लिए मंजिल सैनी ने खुद कमान संभाली है। वह पुलिस बल के साथ खुद सड़क पर निकलती हैं और चीजें सही करने की कोशिश करती हैं।
गलत कायदों से गाड़ी चलाने वालों पर ऐक्शन लेने के साथ ही मंजिल अवैध शराब के अड्डों पर भी खुद ही दबिश देती हैं और ऐसे अड्डों को बंद करवाती हैं। सुपर कॉप मंजिल कहती हैं, ‘आजकल चेन स्नेचिंग और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं शाम के समय ज्यादा होती हैं, जब लड़के बाइक लेकर निकलते हैं। ऐसे में मैंने रोजाना शहर के महत्वपूर्ण चौराहों पर शाम 5 से 7 तक चेकिंग करने और पुलिस तैनात करने के लिए कहा है।’
2005 बैच आईपीएस ऑफिसर मंजिल का यह रवैया नया नहीं है। इससे पहले भी वो जहां-जहां रहीं, उनके तेवर ऐसे ही रहे। इससे पहले उन्होंने 2008 में एक किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया था। गोल्ड मेडलिस्ट रहीं मंजिल का इससे पहले कई जगहों से ट्रांसफर हो चुका है और अब वह इटावा में बदमाशों को पुलिस की ताकत से रू-ब-रू करवा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में अपराध का बढ़ता ग्राफ हर किसी के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में बदमाशों, पुलिस और राजनेताओं की मिली-भगत वाले माहौल में मंजिल जैसे पुलिस अफसरों का इस तरह आगे निकल कर आना सुखद है। खुद इटावा की जनता मंजिल के इन तेवरों से खुश है और इसी तरह काम करते रहने की अपील कर रही है।
Source – NAVBHARAT TIMES