डेढ़ साल के लड़के ने किया शहीद पिता का अंतिम संस्कार :
अरे मेरा बेटा (जितेंद्र) तो शेर था.. उसे धोखे से मार डाला, अगर नक्सली सामने से आते तो वह सबको मार डालता.. सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए वीर सपूत जितेंद्र सिंह के शव से लिपटकर जब उसकी मां ने यह शब्द कहे तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखों नम हो गईं।
शहादत का दुख लेकिन नक्सलियों के प्रति नफरत और देशसेवा के भाव से भरे विचार मन में लिए लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। शहीद जवान का बुधवार को चतुर्वेदी नगर से अंतिम यात्रा निकाली गई। यहां हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने उसे अंतिम विदाई दी।
मासूम बेटियां पूछ रही थीं-बाबा हमारे दरवाजे पर इतनी भीड़ क्यों है शहीद के पांच साल की बेटी रुचि और दो साल की शैजल अपने बाबा से पूछ रही थी कि अपने यहां भीड़ क्यों लगी है।
ये भी पढ़ें : पापा को आखिरी सैल्यूट कर शहीद कर्नल की बेटी बोली- मैं भी बनूंगी सोल्जर
तब रामवीर सिंह के बोले तो कुछ नहीं पर नातिन के सिर पर हाथ फेरा और बातों से बहलाने का प्रयास किया लेकिन मासूम बच्चियां महिलाओं के रोने से विचलित थीं। वहीं अपने शहीद दामाद जितेंद्र का डेडबॉडी देखकर उनके ससुर बद्री सिंह तोमर बेहोश हो गए। उन्हें लोगों ने उठाकर पानी पिलाकर होश में लाने का प्रयास किया गया।
भैया कहते थे नक्सली अपने ही हैं लेकिन उनका तरीका गलत :
सैनिक जितेंद्र की बहन कुसुम और पूनम ने बिलखते हुए बताया जब भैया से बात होती थी और हम लोग पूछते थे कि नक्सली कौन हैं तब भैया कहते थे नक्सली अपने लोगों में से ही हैं और वह अपनी मांगों को लेकर लड़ रहे हैं पर उनका तरीका सही नहीं है। वहीं जवान के बड़े भाई शिक्षक महेंद्र सिंह ने रोते हुए कहा कि-सरकार इस हमले का बदला ले।
बेटा तो शहीद हो गया, लेकिन नक्सलियों को मौत के घाट उतारो
जितेंद्र के पिता रामवीर सिंह नम आंखों से बोले सरकार को नक्सलियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाने होंगे। मेरा बेटा तो शहीद हो गया है अब नक्सलियों काे मौत के घाट उतारा जाना चाहिए। पति के मौत के गम में बेहाल शहीद की पत्नी सोनम के मुहं से केवल इतना ही निकल सका कि उसका तो सब कुछ लुट गया।
ये भी पढ़ें : क्या इस्लामिक कट्टरपंथी छीन रहे हिन्दुओ से उनका व्यापार, मेरठ में ऑटो चालक की पिटाई
वंदे मातरम और भारत माता के गूंजे जयकारे
शहीदों के शव एसएएफ ग्राउंड पर हैलीकॉप्टर से उतारे गए तब जब तक सूरज चांद रहेगा शहीदों का नाम रहेगा, वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए।
इसी प्रकार चतुर्वेदी नगर में अंत्येष्टि स्थल पर नारों की गूंज होती रही। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।
जबकि राज्यमंत्री लालसिंह आर्य ने एक मार्ग व एक स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर किए जाने की बात कही।
कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा चतुर्वेदी नगर में अंत्येष्टि स्थल पर पार्क बनवाया जाएगा। सीआरपीएफ आईजी आरपी पांडे व डीआईजी आरसी मीणा ने शहीद के पिता को ढांढ़स बंधाया।
साभार: दैनिक भास्कर