नीचे दिखाई दे रही तस्वीर Misih Alinejad, एक ईरानी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता की है. महिलाओं के अधिकार को ले कर ईरान में इन्होंने एक अलग ही तरह का विद्रोह छेड़ रखा है.
1979 से ईरान में महिलाओं के लिए पब्लिक में हिजाब पहनना अनिवार्य है. इसको न पहनने पर यहां क़ानूनी कार्रवाई की जाती है. 2009 में ईरान की लगभग 30 लाख महिलाओं पर या तो मुकदमे चलाये गये, या जुर्माना लगा. इसे ले कर एक तरह से लोगों में विद्रोह की आग धीरे-धीरे सुलग रही है. लेकिन रूढ़िवादी लोगों की सोच भी इसमें आड़े आ रही है.
ईरान में बिना हिजाब के महिलाओं का घूमना एक तरह से अपवाद ही है. लेकिन Masih जैसी कुछ बहादुर महिलाओं ने इस अपवाद को नकार के रख दिया.
आज, Masih अपनी सीमायें जांच रही हैं. अपने आस-पास महिलाओं के लिए एक जेल जैसा मुल्क देखने के बाद वो आज़ादी के मायने, मकसद को अन्य लोगों के बनिस्बत गंभीरता से लेते हैं.
फ़िलहाल वो अमेरिका में रहती हैं अपने आस-पास महिलाओं को बिना हिजाब के, बिना किसी शिकज़े के और एक आज़ाद सोच के साथ जीते देखना उन्हें रोमांचित करता है.
Masih ने अपनी बिना हिजाब वाली तस्वीरें फ़ेसबुक पर पोस्ट करनी शुरू की. लोग देखते, कमेंट करते. कुछ अच्छे करते, तो कुछ अपनी गंदी सोच को भी लिख कर जाहिर करते. लेकिन उन्होंने जवाब देना बंद नहीं किया.
इन्होंने एक फेसबुक ग्रुप भी बनाया जिसका नाम The Stealthy Freedom है, इसके लगभग 803,000 Followers हैं.
एक महिला का ईरान में बाल खुले रखना क़ानूनी जुर्म है.
आज भी कई महिलायें अपनी आज़ादी के लिए एक दूसरे का हाथ थामे खड़ी हैं.
हिजाब से लोगों को नफ़रत नहीं लेकिन उसकी अनिवार्यता एक तरह से बंधन बन जाती है.
इस फेसबुक ग्रुप को कई महिलाओं ने अपना औपचारिक समर्थन भी दिया है. खुली हवा में अपने बालों को लहराते देखना उन्हें काफ़ी अच्छा लगता है.
Masih ने उन लोगों के साथ काफ़ी तस्वीरें खिंचवाई हैं, जो इस आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं.
इस फेसबुक ग्रुप को कई महिलाओं ने अपना औपचारिक समर्थन भी दिया है. खुली हवा में अपने बालों को लहराते देखना उन्हें काफ़ी अच्छा लगता है.
उनका कहना है कि “ईरान मेरा देश है, मेरी मां का देश है. मेरी मां हिजाब पहनना पसंद करती हैं और मैं नहीं… ये देश हम दोनों का है इसीलिए हम दोनों इसे अपने-अपने अंदाज से जीना चाहते हैं.”
Source – Gazab Post