होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 – 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु उर्जाकार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जबअविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था। उन्हें ‘आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम’ भी कहा जाता है।
भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांतपारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की स्थापना की। डा. भाभा एक कुशल वैज्ञानिक और प्रतिबद्ध इंजीनियर होने के साथ-साथ एक समर्पित वास्तुशिल्पी, सतर्क नियोजक, एवं निपुण कार्यकारी थे। वे ललित कला व संगीत के उत्कृष्ट प्रेमी तथा लोकोपकारी थे।
1947 में भारत सरकार द्वारा गठितपरमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त हुए। १९५३ में जेनेवा में अनुष्ठित विश्व परमाणुविक वैज्ञानिकों के महासम्मेलन में उन्होंने सभापतित्व किया। भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक का २४ जनवरी सन १९६६ को एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था।
1॰ वह कला और संस्कृति मे डूबे थे, पेंटर होने के साथ ही उन्हे शास्त्रीय संगीत तथा ओपेरा भी पसंद था
2॰ उन्होने निएल्स बोहर के साथ भी काम किया तथा क्वांटम थियरि को विकसित करने मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
3॰ उन्होने मेसॉन पार्टकिल की खोज तथा नामकरण किया
4॰ 1955 मे अटॉमिक एनर्जि के शांतिपूर्ण प्रयोग पर होने वाली यूनाइटेड नेशन्स की पहली बैठक के वह पहले चेयरमेन थे
5॰ वह Tata institute of fundamental research and bhabha atomic research centre, दूसरा प्रमुख अनुसंधान संस्थान है,के संस्थापक तथा निर्माता थे ।
6॰ वह अटॉमिक एनर्जि का प्रयोग गरीबी कम करने के लिए करना चाहते थे तथा विश्व मे न्यूक्लियर हथियार को बंद करने के हिमायती थे ।
7॰ उन्हे 1942 मे एडम्स प्राइज़ तथा पदम विभूषण से सम्मानित किया गया।
8॰ न्यूक्लियर रिसर्च को विकसित करने से पहले उन्होने mechanical engineering मे स्नातक की डिग्री ली ।
9॰ वह सारी ज़िंदगी कुँवारे ही रहे तथा उन्होने अपनी पूरी ज़िंदगी साइन्स को समर्पित कर दी ।
Source- scoopwhoop.com