प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति का वो चेहरा :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अभी भी बरकरार है जिस तरह भाजपा को गुजरात में मिली लगातार छठी जीत और हिमाचल में भी बीजेपी की जीत हुई। प्रधानमंत्री भारतीय राजनीति का वो चेहरा है, जिसने जनता को अपना फैन बना दिया है।
लेकिन उनके गृह राज्य में जिस तरह 22 साल में पार्टी 100 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और जिस प्रकार सीटों के मामले में कांग्रेस और राहुल गांधी का ग्राफ बढ़ा है।ऐसे में 2019 के चुनाव के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।
अखिलेश ने गुजरात का रिजल्ट देख कहा कि ठीक है कि हम उत्तर प्रदेश में हारे, गुजरात के युवा वहां हारे, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हम हमेशा हारेंगे। एक वह वक्त भी आएगा कि हारने वाला भी जीतेगा और जीता हुआ भी हारेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति का वो चेहरा बन गए हैं जिसकी मिसाल मिलना मुश्किल है, लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद मोदी के खाते में उपलब्धियों के सितारे जड़ते ही जा रहे हैं। इस बार का गुजरात विधानसभा का चुनाव महज गुजरात के लिए नहीं लड़ा जा रहा था, बल्कि देश की सियासत के लिए भी जरुरी माना जा रहा था।
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गुजरात-हिमाचल प्रदेश की जीत ने बीजेपी खास कर नरेंद्र मोदी के लिए 2019 की राह आसान कर दी है। उस साल लोकसभा चुनाव होना है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार निश्चिंत और निर्भीक होकर कुछ ऐसे चौंकाने वाले और बड़े निर्णय कर सकती है जिनसे एनडीए के वोट बढ़ेंगे। और एनडीए संभावित विपक्षी एकजुटता का भी सामना कर पाएगा। वे दूरगामी परिणाम वाले निर्णय हो सकते हैं।
नहीं चला राहुल गाँधी का जीएसटी विरोध :
गुजरात में राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया। जीएसटी का जिक्र करते हुए कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट ने कहा, इनका जो GST है, ये GST नहीं, ये है गब्बर सिंह टैक्स है। लेकिन गुजरात के शहरी क्षेत्रों में भी बीजेपी को अच्छी खासी चुनावी सफलता मिली।
इस साल के नतीजों ने साबित किया है कि अधिकतर मतदाताओं को मोदी सरकार की अच्छी मंशा पर भरोसा है। और भारत की जनता को लगता है कि मोदी की सरकार विकास की बात करते है और विकास हो भी रहा है। इसलिए बीजेपी आमतौर पर चुनाव जीतती जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा :
18 दिसंबर के नतीजों से साफ हो गया कि 2002 से लेकर 2017 तक गुजरात की राजनीति पर पूरी पकड़ रखने वाला और सर्वस्वीकृत नेता अगर कोई है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उनकी जगह लेने वाला कोई नेता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा।
2002, 2007 और 2012 में तो नरेंद्र मोदी की गुजरात में उपस्थिति थी, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव का भार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधों को ही उठाना पड़ा। गुजरात में बीजेपी को एक भी ऐसा नेता नहीं मिला जिसकी साख के आधार पर पार्टी 2017 का चुनाव लड़ सकती थी।
कांग्रेस के पास 22 साल के सरकार विरोधी लहर को भुनाने का जबरदस्त मौका था, मगर कुछ वजहों से वो ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई, गुजरात में कांग्रेस की हार की पटकथा लिख दी गई और ऐसा होने में मोदी का बेहद अहम योगदान रहा।
गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत मोदी मैजिक का परिणाम रहा कांग्रेस के पास अभी तक मोदी मैजिक का तोड़ नहीं है। गुजरात चुनाव में भी इसकी कमी देखने को मिली। हालांकि, कांग्रेस के पास भले ही मोदी के टक्कर में राहुल गांधी का चेहरा हो, मगर अभी भी पीएम मोदी के चेहरे के सामने राहुल फीके पड़ जाते हैं। इसी वजह से लोगों के सिर से मोदी मैजिक का खुमार उतारने में नाकामयाब दिखे।