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मार्क जुकरबर्ग को चुनौती देने वाले दिव्य नरेन्द्र की कामयाबी का सफर है जारी 2

मार्क जुकरबर्ग को चुनौती देने वाले दिव्य नरेन्द्र की कामयाबी का सफर है जारी

दस साल पहले दिव्य नरेन्द्र और विंकलेवॉस भाइयों ने मार्क जुकरबर्ग को अदालत में खड़ा किया था। मामला विचार चोरी का था, जो इंटेटेक्चुअल प्रापर्टी अधिकार के उल्लंघन से जुड़ा था। इस लड़ाई का अंत पैसे और शेयरों के समझौते के बाद थमा और तकरीबन एक करोड़ डालर में मामला सुलझा।

31 साल के दिव्य अब जिंदगी को एक नए सिरे से शुरु कर चुके हैं। दिव्य एक अलग तरह के सोशल नेटवर्क को तैयार करने में सफल हो गए हैं, समजीरो नाम के इस आनलाइन समुदाय को खास व्यावसायिक निवेशकों के लिए तैयार किया गया है।

योरस्टोरी ने दिव्य से हार्वर्ड में उनकी जिंदगी लेकर आज समजीरो के सीईओ और सह-संस्थापक बनने तक के सफर पर खास बात की।

योरस्टोरी – समजीरो के बारे में कुछ बताएं। किस बाजार पर इसकी नजर है और क्या संभावनाएं दिख रही है?

दिव्य – समजीरो दुनिया की सबसे बड़ा समुदाय है, जहां हेज फंड्स, म्युचुअल फंड्स और प्राइवेट इक्विटी फंड्स में काम करने वाले निवेशक और दूसरे पेशेवर जुड़े हैं। करीब दस हजार मंझे हुए पेशेवर पूरी पारदर्शिता के बीच एक समुदाय में मौजूद हैं। समजीरो हर साल निवेश के लिए अपनी हजारों रिपोर्ट अपने ग्राहकों से बांटता है। साथ ही कई तरह की मददगार सेवाओं से निवेश को सही और सटीक बनाने में कारगर सुझाव देता है। इन मुफ्त सेवाओं में पूंजी परिचय सेवा, बाय-साइड कैरियर प्लेसमेंट सेवा, मीडिया प्लेसनेंट और कई सेवाएं मौजूद हैं।

समजीरो के सदस्यों में मंझे विशलेषक और प्राइमरी मेंबर्स हैं, जो दुनिया के हर महत्वपूर्ण निवेश फंड से जुड़े लोग हैं। हम आम लोगों के लिए मुफ्त में एक न्यूजलेटर भी निकालते हैं, जो समजीरो बेसिक के नाम से जाता है, और जिसके जरिए हम समझाते हैं कि हम क्या कर रहे हैं। आप हमारी वेबसाइट sumzero.com पर जाकर इसे देख सकते हैं।

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योरस्टोरी – बाजार में मौजूद सेवाओं से समजीरों अलग कैसे हैं? आपकी खासियत क्या है।

दिव्य – समजीरो सबसे अलग इसलिए है, क्योंकि इसका आधार और दी जाने वाली सामग्री वो है, जो फंड्स पर काम करने वाले प्रोफेशनल निवेशक देते हैं। मैं हमेशा से वॉलस्ट्रीट जनरल के पारंपरिक शोध के तरीके, सेल-साइड शोध, में कमियां पाती हूं. उसकी दो वजहें हैं – वालस्ट्रीट आईबैंक्स के सेलसाइड विशलेषक ग्राहकों को निवेश का सुझाव देते हैं, लेकिन वे उन कंपनियों से जुड़े नहीं होते और इस तरह वो मैदान या खेल का सक्रिय हिस्सा नहीं होते। अगर वे गलत सुझाव भी देते हैं तो वे कुछ नहीं गवाते, जबकि निवेशक का नुकसाल हो जाता है।

cसेलसाइड विशलेषक उन ही कंपनियों में रुचि दिखाते हैं जिनमें उनकी मालिकाना कंपनी निवेश करती है, यानि साफ तौर पर ये आपसी हितों का टकराव है।

मेरी राय में वालस्ट्रीट शोध को सही करने का सबसे अच्छा रास्ता होगा कि वो आनलाइल समुदाय को साथ लेकर व्यावसायिक निवेशकों को अपना शोध रखने का मौका दे। ये बहुत ही बढ़िया तरीके से किया जा सकता है।

योरस्टोरी – आपको ये करने की प्रेरणा कहां से मिली? कैसे शुरू हुआ ये सब?

दिव्य – मैं बोस्टन में हेज फंड कंपनी में काम कर रहा था, जो 2007 के कर्ज संकट के कारण बंद हो गई। किसी और फंड कंपनी में जाने की बजाय मैंने अपने जीवन के इस तूफान को सही समय माना और अपना कुछ शुरु करने में लग गया। मैं तब 26 साल का था। और मेरे पास मेरी ठीकठाक बचत थी, जिससे मैं बिना एक साल तक किसी बाहरी निवेश के अपना व्यापार चला सकूं।

योरस्टोरी – समजीरो में अपनी टीम के बारे में कुछ बताएं?

दिव्य – हमारी टीम में हर कोई उद्यमी है, यहां तक कि हमारे इंजीनियर भी। न्यूयार्क में हमारा हेडआफिस है, हालांकि हमारा एक कर्मचारी वेस्ट कोस्ट से समजीरो के लिए नियुक्ति का काम देखता है। कुल मिलाजुलाकर ये सबसे अच्छी टीम है जिसके साथ मैं काम कर रहा हूं। हर कोई पेशेवर है, लेकिन काम से मन से जुड़ा है और हमारे व्यापार शुरु करने से लेकर आजतक कोई भी कंपनी छोड़कर नहीं गया।

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योरस्टोरी – न्यूयार्क में स्टार्टअप संस्कृति के बारे में कुछ बताइए, खासकर आपने जो प्रतियोगिता और संसाधनों को जुटाने में जो चुनौतियां उठाईँ?

दिव्य – न्यूयार्क विश्वस्तर पर किसी भी तकनीकी स्टार्टअप के लिए बेहतरीन केन्द्र बन चुका है। हालांकि न्यूयार्क में बहुत सारे वेंचर कैपिटलिस्ट हैं, लेकिन इस शहर में बहुत सारे करिशमाई निवेशक हैं जो किसी स्टार्टअप को उसके प्रथम चरण में सहयोग देने को तैयार रहते हैं।

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योरस्टोरी – आप अभी कहां तक पहुंचे हैं? आने वाले महीनों में हम क्या अपेक्षा करें।

दिव्य – समजीरो में हम कई तरह की खास सुविधाओं को आने वाले समय में देने वाले हैं। हम इसपर काम कर रहे हैं। आशा है कि हम अपने इस उत्पाद को समय के साथ और उम्दा बनाते जाएंगे और दीर्घकालिक व्यवसाय में बदलकर लम्बी दौड़ दौडेंगे। इस इंटरव्यू को पढ़ने वालों को मैं कहूंगा कि वे समजीरो की बेसिक सेवा ले, जो मुफ्त भी है, और साप्ताहिक तौर पर हमारी शोध और विशिष्टता को देखें।

योरस्टोरी – क्या चीज आपको प्रेरित रखती है? बचपन की कोई ऐसी बात जिसने आपको एक उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया हो?

दिव्य – सभी उद्यमियों की तरह मैं हमेशा सकारात्मकता और उत्साह रखता था कि मैं दुनिया पर एक छाप छोड़ सकूं। ये सोच मेरी बचपन से ही है। मेरे माता पिता दोनों डाक्टर थे, उन्होनें हमेशा मुझे नया करने के लिए प्रेरित किया और अपनी संभावनाओं को तलाशने के लिए खुला आकाश दिया, जो मेरे लिए मजबूत नींव जैसी थी।

योरस्टोरी – कौन-सी चीजें आपकी रुचि और प्रेरणा को प्रभावित करती हैं?

दिव्य – मैं हमेशा अपनी व्यावसायिक दुनिया की बाहर की घटनाओं और लोगों से प्रेरित रहता हूं। वैसे मैं काफी सक्रिय व्यक्ति हूं, मुझे दौड़ना पसंद है, स्किइंग, टेनिस खेलना और अपने स्वास्थ्य को चुस्त दुरुस्त रखना अच्छा लगता है। मैं खिलाड़ियों से काफी प्रेरित होता हूं, चाहे वो रोजर फेडरर का एक कठिन दौर से वापसी की कोशिश हो या मेसी का फुटबाल के मैदान में खेल हो या बो़डी मिलर का बर्फ पर सरकना हो। ये दुनिया अद्भुत लोगों से भरी पड़ी है, जो हैरान करने वाले काम कर रहे हैं। व्यापार की दुनिया में मैं एलन मस्क को पसंद करता हूं, जो भविष्य से लोगों का परिचय करा रहे हैं।

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योरस्टोरी –कोई चुनौती भरा वक्त जिसका आपने सामना किया हो? और कठिनाइयों को कैसे पार करते हैं?

दिव्य – पेशेवर तौर पर कालेज से स्नातक करने के तीन साल बाद मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती थी, समजीरो को लॉन्च करना। मेरे पहले ही नियोक्ता ने 2007 के मध्य में अपना व्यापार बंद कर दिया था, मैं जानता था कि मुझे अपना व्यापार शुरु करना है, पर मेरे पास ऐसी भी बचत नहीं थी जिससे मैं समजीरो को लंबे समय तक चला पाउं। मेरा परिवार और दोस्त इस चीज को लेकर थोड़ा सशंकित थे कि शायद मैं ये नहीं कर पाउं। फिर मैनें यहीं सोचकर कुछ दिनों के लिए दूसरी नौकरी करने को सोचा और उद्यम को आगे के लिए छोड़ दिया। कनेक्ट-यू के साथ मैनें काफी संघर्ष किया था, खासकर निर्माताओं (डेवलपर्स) को लेकर, पहले के तीन निर्माताओं के लिए मुझे काफी पैसे और समय खर्च करना पड़ा, जो बेकार ही गया। लेकिन सौभाग्य से मेरी दृढ़ निश्चयता काम आई और 2009 तक समजीरो ने प्रगति दिखानी शुरू कर दी। इसने हमें बाहर से पूंजी बटोरने और हमारे व्यापार को जोखिम से सुरक्षा दे दी।

योरस्टोरी – अबतक आपका उठाया गया सबसे बडा जोखिम कौन सा था?

दिव्य – बिना किसी अभ्यास के स्किइंग करना! वो बहुत ही खतरनाक और रोमांचक था। अब जबकि फ्रीस्टाइल स्किइंग ओलंपिक में भी शामिल है, मैनें हाल ही कोलोराडो के पर्वतों में अपने पिछले दौरे में फिर से स्किइंग सीखा। वैसे लोग ऐसा सपने में ही करते है, पर मेरे लिए ये दिल हिला देने वाला था। शुक्र है मैं बिना किसी चोट के घर वापस आ गया!

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योरस्टोरी – भारत में आप क्या संभावनाएं देखते हैं। भारत में वेंचर कैपिटलिस्ट, प्राइवेट इक्विटी और एंजल इनवेस्टमेंट की संस्कृति पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है ऐसे में समजीरो जैसा आनलाइन समुदाय कैसे स्टार्टअप्स को योगदान दे सकता हैं?

दिव्या – मैं भारत पर एक विशलेषक के तौर पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, पर हां वहां बहुत संभावनाएं है, खासकर वहां की जनसंख्या और बढ़ते मध्यम वर्ग की वजह से। जो वेंचर कैपिटलिस्ट वहां पैसा लगा रहे हैं, उससे निश्चित तौर पर संभावनाओं को मदद मिलेगी। भारत सरकार जितना विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देगी, मेरा मानना है कि उतने ही नए उत्पाद आप भारत से उभरते हुए देखेंगे।

योरस्टोरी – आपने अभी तक ऐसी क्या रोचक चीजें की है, जो आपको प्रेरित रखती है।

दिव्य – हाल ही में मैंने अपने घर के पास फलशिंग, क्वीन्स में हाफ मैराथन दौड़ी। ईमानदारी से मैं लंबी दौड़ों की शौकीन नहीं हूं, पर किसी भी काम को पूरा करने की खुशी मुझे अच्छी लगती है।

 

Source – Yourstory

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