7 नवंबर के दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। हर साल देव दीपावली कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगने के कारण देव दीपावली को एक दिन पहले मनाया जा रहा है।
काशी के घाटों में मनाए जाने वाली इस देव दीपावली की लोकप्रियता आज देश-विदेश तक पहुंच चुकी है। इस अद्भुत नजारे को देखने और कैमरे में कैद करने के लिए लोग महीनों पहले से होटल और नावों की बुकिंग करवा लेते हैं। यहाँ का नजारा आज के दिन देखते ही बनता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाते हैं दीप दीपावली:
कार्तिक पूर्णिमा के कुछ दिन पहले देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिद्रा के बहार आते हैं। जिसकी खुशी में सभी देवता स्वर्ग से उतरकर बनारस के घाटों पर दीपों का उत्सव मनाते हैं। क्योंकि ये दिवाली देवताओं ने मनाई थी, इसलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है।
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इसके अलावा मान्यता यह भी है कि भगवान शंकर ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुर नाम के असुर का वध करके काशी को मुक्त कराया था। जिसके बाद देवताओं ने इसी कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने सेनापति कार्तिकेय के साथ भगवान शंकर की महाआरती की और इस पावन नगरी को दीप मालाओं से सजाया था।
अपनी अलौकिक भव्यता के चलते पूरी दुनिया में रोशन हो चुकी देव दीपावली पर सावन की तरह रिकॉर्ड पर्यटकों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन सारी तैयारियां पूरी कर चुका है।
देव दीपावली पर क्यों करते हैं दीपदान :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के दिन दीपदान करने से जीवन में संपन्नता व सुख-समृद्धि आती है। देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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ज्योतिष शास्त्र बताते हैं कि इस दिन आटे का दीपक बनाकर उसमें घी और लौंग डालकर जलाने से व्यक्ति की दरिद्रता दूर होती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
देव दीपावली 2022 शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 07, 2022 को 04:15 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – नवम्बर 08, 2022 को 04:31 पी एम बजे