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पापा को आखिरी सैल्यूट कर शहीद कर्नल की बेटी बोली- मैं भी बनूंगी सोल्जर 2

पापा को आखिरी सैल्यूट कर शहीद कर्नल की बेटी बोली- मैं भी बनूंगी सोल्जर

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में शहीद हुए कर्नल संतोष महाडिक का गुरुवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। वे महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले थे। आतंकियों से लड़ते हुए जान की बाजी लगाने वाले शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर खुद पोगरवाड़ी गांव पहुंचे। शहीद की अंतिम यात्रा के दौरान उनकी बेटी कार्तिकी ने भी एक सैनिक बनने की इच्छा जताई। अंतिम यात्रा में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग मौजूद थे। अपने गांव के वीर के लिए सबकी आंखे नम थीं। कर्नल संतोष के परिवार में माता-पिता, पत्नी, बेटी और बेटा है।

शहीद की बेटी बोली- ‘मैं भी बनूंगी सोल्जर’

शहीद कर्नल संतोष की बेटी कार्तिकी ने कहा, ”पापा मुझे वीर शिवाजी महाराज की कहानियां सुनाते थे, उनकी इच्छा थी कि मैं उनके जैसी बनूं। मैं भी सैनिक बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं।

 शहीद के बेटी चिता के सामने बोली- ”पापा हमेशा कहते थे: वन्स ए सोल्जर, आलवेज सोल्जर”

 12 साल पहले कर्नल संतोष की शादी स्वाति से हुई थी। उनके दो बच्चे कार्तिकी (11) और स्वराज (5) हैं।

कुछ महीने पहले ही कर्नल संतोष का बर्थ डे सेलिब्रेट करने के लिए उनकी फैमिली कुपवाड़ा गई थी।

धोनी को भी ट्रेंड कर चुके थे संंतोष

 शहीद कर्नल संतोष महाडिक इंडियन टीम के कैंप्टन महेंद्र सिंह धोनी को ट्रेनिंग देने वाली टीम में शामिल रहे थे।

बीते अगस्त महीने में कैप्टन धोनी पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग के लिए 21-पैरा स्पेशल यूनिट के आगरा कैंप में पहुंचे थे।
सैनिक स्कूल, सतारा में पढ़ाई के दौरान कर्नल संतोष एक अच्छे रनर और बॉक्सर थे। स्कूल के दिनों में बॉक्सिंग चैम्पियनशिप भी जीती।
उन्होंने 1987 में सैनिक स्कूल सतारा में छठी क्लास में दाखिला लिया। यहां पढ़ाई पूरी करने के बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) चले गए।
शहीद कर्नल संतोष के एक सामान्य फैमिली से थे। उनके पिता एक ट्रेलर और भाई दूध बेचते हैं।

बहादुरी के लिए मिला था सेना मेडल

 38 साल के कर्नल महाडिक 1998 में बतौर अफसर आर्मी में भर्ती हुए थे। पैरा कमांडो यूनिट में संतोष ने कई आतंकी एनकाउंटर को लीड किया।
इसके लिए कर्नल संतोष को सेना मेडल से नवाजा गया। फिलहाल वह 41 राष्ट्रीय रायफल्स पैरा कमांडो यूनिट के कामांडिंग ऑफिसर थे।

कर्नल संतोष कहां हुए थे शहीद?

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के जंगलों में छिपे आतंकियों को मारने के लिए सिक्युरिटी फोर्सेस सर्च ऑपरेशन चला रही थीं। इसी दौरान मंगलवार को कर्नल संतोष महाडिक की टीम पर आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस एनकाउंटर में संतोष समेत 4 सैनिकों को गोलियां लगीं। इसके बाद बुधवार को कर्नल संतोष ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
Source-Dainikbhaskar.com

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