इन देशों में ईश्वर की खिलाफत करना मौत को निमंत्रण देना है। यहां ईशनिन्दा करने या धर्मपुस्तकों के अपमान पर भी सरेआम गोली मार दी जाती है। जानिए कौन से हैं ये देश …
ईरान में ईशनिन्दा के अपराध में सरेआम क्रेन से लटका कर मार डाला जाता है। ये आदेश शरिया अदालतें जारी करती हैं। ऐसी फांसी जनता की मौजूदगी में होती है ताकि लोगों में कानून का डर बना रहे।
द वायर डॉट कॉम के अनुसार, पाकिस्तान में ईशनिन्दा पर सरेआम जलाकर मार डाला जाता है। यहां पवित्र कुरान से साथ छेड़छाड़ पर पत्थरों से कुचल दिया जाता है।
मलेशिया में ईशनिन्दा और ईश्वर के खिला अपशब्द बोलना अपराध है।यहां धर्मपुस्तकों के साथ छेड़छाड़ भी गुनाह है।
नाईजीनिया में ईश निंदा करने वाले को सरेआम गोलियों से भून दिया जाता है ताकि दूसरे लोग ईशनिन्दा से डरें।
सऊदी अरब में भी शरिया अदालतें चलती हैं। यहां ईश निन्दा और कुरान से छेड़छाड पर सरेआम फांसी दी जाती है।
मालदीव भी इसी श्रेणी में आता है। यहां आप भूलकर भी भगवान के खिलाफ कुछ नहीं कह सकते।
कतर भी उन इस्लामिक देशों में शामिल है जहां ईशनिन्दा पर फांसी पर लटका दिया जाता है।
सोमालिया में भी ईशनिन्दा करने वाले को कानूनन सजा ए मौत का प्रावधान है। यह देश समुद्री लुटेरों के चलते चर्चा में रहता है
सूडान में खुदा का अपमान करने वाले या इस्लाम के खिलाफ बोलने वाले को पत्थर मारकर मार दिया जाता है। इसे संगसार कहते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात: यहां ईशनिंदा के अलावा ईश प्रतीक जैसे कुरान के साथ छेड़छाड़ पर भी मार डाला जाता है।
यमन: यहां मौत की सजा पाने वाले शख्स को सावर्जनिक स्थान पर उल्टा लिटाकर गोली मार दी जाती है।
अफगानिस्तान में भी नास्तिक और ईश निन्दा करने वाले को सरेआम मौत की नींद सुला दिया जाता है।
मौरिशानिया: यहां भी नास्तिकों को मौत की सजा दी जाती है।