सर्टिफिकेट नहीं है तो हो जाए सतर्क:
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने उन वाहन मालिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनके पास वाहन का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें 10000 का जुर्माना भरने के साथ ही 6 महीने के लिए जेल जाना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह दोनों कार्रवाई एक साथ भी की जा सकती हैं। मोटर वाहनों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकि यह पता चल सके कि जो वाहन सड़क पर चल रहा है, वह पॉल्यूशन के स्टैंडर्ड के लिहाज से सही है या नहीं।
सरकार ने ऐसे लोगों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिसमें उनसे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने या जुर्माना भरने के लिए कहा गया है। दिल्ली में 17 लाख ऐसे वाहन हैं, जिनका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनवाया गया है। इनमें से 13 लाख दो पहिया वाहन हैं जबकि 3 लाख कारें हैं।
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इसी के साथ अधिकारियों का कहना है कि, ‘दिल्ली में 2-3 महीने बाद प्रदूषण शुरू हो जाएगा, हालाँकि हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो सके। ऐसे में इन वाहन मालिकों से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कहा गया है।
इसी के साथ अधिकारी ने बताया कि उन वाहनों को छूट देने का कानूनी प्रावधान है जो सड़कों पर नहीं चल रहे हैं। इसके अलावा अधिकारी ने बताया कि हाल ही में एक रिटायर आर्मी कर्नल ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर कहा था कि उनका बेटा विदेश में है और वाहन गैरेज में खड़ा है। इसी के साथ अधिकारी के मुताबिक, जो वाहन रोड पर नहीं चल रहे है, उन्हें पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर ऐसे वाहन बिना सर्टिफिकेट के सड़क पर चलते पाए गए, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
घर भेजा जाएगा नोटिस और चालान:
बिना सर्टिफिकेट वाले वाहन और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की वैधता खत्म होने वाले वाहन मालिकों के घर नोटिस भेजने के लिए एक सिस्टम पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनवाते हैं तो उनपर 10,000 रुपये जुर्माने का चालान भी उनके घर पहुंचाया जाएगा। मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के तहत बीएस1 से लेकर बीएस4 तक के सभी वाहनों के लिए सर्टिफिकेट अनिवार्य है, इसमें सीएनजी और एलपीजी वाहन भी आते हैं।
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रोजाना 1500 वाहन मालिकों को नोटिस अधिकारी ने बताया कि रोजाना 1000-1500 वाहनों को नोटिस जारी किया जाएगा। वाहन मालिकों को नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर अपने वाहन का प्रदूषण जांच करानी होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते है तो उनका ई-चालान किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।